कहावतें
Direction: नीचे कुछ लोकोक्तियाँ दी गयी है, प्रत्येक के चार वैकल्पिक अर्थ दिये गये हैं, उपयुक्त अर्थ का चयन कीजिये।
- जस दूल्हा तस बनी बराता।
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सही विकल्प: C
' जस दूल्हा तस बनी बराता ' का अर्थ है ' सभी साथी एक ही जैसे ' हैं। वाक्य प्रयोग- विवाह में दूल्हा और उसका पिता शराब पिये ही थे, उसके साथ आए बाराती भी शराब पाई हुए थे जो जस दूल्हा तस बनी बराता वाली कहावत को पूरा कर रहे थे।
- अशर्फी की लूट और कोयले पर छापा।
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NA
सही विकल्प: B
अशर्फी की लूट और कोयले पर छापा का अर्थ ' बहुमूल्य वस्तु को नष्ट होने देना और तुच्छ की सुरक्षा करना '। वाक्य प्रयोग- क्या भोला तुम भी अजीब हो एक तरफ सरसों पानी में बही जा रही है और तुम इस भूसे को सम्भाल रहे हो, तुमने कर दी न अशर्फी की लूट और कोयले पर छापा वाली बात।
- जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई।
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सही विकल्प: D
' जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई ' का अर्थ ' जिसके ऊपर बीतती है वह जानता है ' है। वाक्य प्रयोग- क्या गोपाल, एक तो मेरे घर में चोरी हो गई और ऊपर से तुम फालतू का उपदेश दे रहे हो, अरे जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई।
- हँसुए के ब्याह में खुरपी का गीत।
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सही विकल्प: C
' हँसुए के ब्याह में खुरपी का गीत ' का अर्थ है ' असंगत बातें करना '। वाक्य प्रयोग- श्याम तुम शोकसभा में आए हो, यहाँ व्यापारिक बातें कर तुम हँसुए के ब्याह में खुरपी का गीत गा रहे हो।
Direction: निम्नलिखित कहावतों के लिए सही विकल्प चुनिये।
- धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का
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सही विकल्प: C
' धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का ' का अर्थ है ' निकृष्ट व्यक्ति को कहीं भी आदर नहीं मिलता '। वाक्य प्रयोग- रामपाल अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए कभी सत्ता पक्ष में जाता है तो कभी विपक्ष में लेकिन टिक कहीं नहीं पाता । उसकी स्थिति धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का जैसा है।