कहावतें


Direction: निम्नलिखित लोकोक्तियों के सही अर्थ का चयन उनके नीचे दिए गए चार विकल्पों में से कीजिए।

  1. घर आये नाग न पूजें, बामी पूजन जायें









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: D

    घर आये नाग न पूजें, बामी पूजन जायें का अर्थ है ' अवसर का लाभ न उठाना और बाद में उसके लिए परेशान होना '। वाक्य प्रयोग- जब तक रमेश का चचेरा भाई घर पर था तब तक रमेश ने उससे प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी न ली, भाई जब चला गया तो इससे-उससे परामर्श लेता फिरता है सच है घर आये नाग न पूजें, बामी पूजन जायें


  1. चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात का अर्थ है ' थोड़े दिनों का सुख '। वाक्य प्रयोग- जब तक रमेश के चाचा उसके घर रहे पूड़ी-सब्जी और मिठाईयाँ बनती थीं उनके चले जाने के बाद कुछ नहीं बन रहा सच है चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात



  1. चोर-चोर मौसेरे भाई









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    वाक्य प्रयोग : पहले यह दुकानदार प्रत्येक वस्तु अंकित मूल्य से कम पर देता था लेकिन अब अन्य पुराने दुकानदारों की तरह इसने भी छूट देना बंद कर दिया है। ठीक कहा गया है- चोर-चोर मौसेरे भाई


  1. कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है का अर्थ है ' अपनी बनाई हुई वस्तु सबको अच्छी लगती है '। सीताराम हलवाई को अपनी तेल में बनी जलेबियाँ ही स्वादिष्ट लगती हैं बाकी हलवाइयों की हलेबियों को स्वादहीन समझता है। सच है कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है।



  1. गुरु गुड़, चेला चीनी









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    गुरु गुड़, चेला चीनी का अर्थ है ' गुरु से चेले का आगे बढ़ जाना '। वाक्य प्रयोग- मास्टर दीनानाथ अभी भी गाँव के स्कूल में पढ़ाते हैं और उनका शिष्य चेतन दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बन गया है, सच है गुरु गुड़, चेला चीनी