कहावतें
Direction: निम्नलिखित लोकोक्तियों के सही अर्थ का चयन उनके नीचे दिए गए चार विकल्पों में से कीजिए।
- तीन दिन मेहमान चौथे दिन हैवान
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NA
सही विकल्प: A
तीन दिन मेहमान चौथे दिन हैवान का अर्थ है ' आतिथ्य थोड़े दिन का ही अच्छा होता है '। वाक्य प्रयोग- राम के घर दिल्ली आये उसके गाँव के एक सज्जन जब इलाज के बाद स्वस्थ होकर भी वापस गाँव नहीं गए तो राम को यह बात अखरने लगी सच ही कहा गया है, तीन दिन मेहमान चौथे दिन हैवान।
- तेल देखो तेल की धार देखो
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NA
सही विकल्प: C
तेल देखो तेल की धार देखो का अर्थ है ' रुख पहचानना '। वाक्य प्रयोग- सेठ धनीराम ग्राहकों को माल बेचने में जल्दबाजी नहीं करता उसका सिद्धांत है पहले तेल देखो तेल की धार देखो।
- तन पर नहीं लत्ता पान खाए अलबत्ता
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सही विकल्प: B
तन पर नहीं लत्ता पान खाए अलबत्ता का अर्थ है ' झूठा दिखावा करना '। वाक्य प्रयोग- विक्रम इतनी कमाता है नहीं बातें बड़ी-बड़ी करता है। उसका हाल तो तन पर नहीं लत्ता पान खाए अलबत्ता वाला है।
- जैसी बहे बयार पीठ तब तैसी दीजे
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सही विकल्प: A
जैसी बहे बयार पीठ तब तैसी दीजे का अर्थ है ' समय का देखकर काम करना चाहिए '। वाक्य प्रयोग- अब लोगों को समाज के संबंध में रूढ़िवादी विचार छोड़कर नये विचार अपनाने चाहिये क्योंकि ' जैसी बहे बयार पीठ तब तैसी दीजे '।
- जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि
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सही विकल्प: A
जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि का अर्थ है ' कवि के लिए कुसग्ग भी अगम्य नहीं '। वाक्य प्रयोग- निराला जी ने ' तोड़ती पत्थर ' कविता में जिस तरह से मजदूर महिला का जीवन्त और मार्मिक वर्णन किया है उसे देखकर यह अक्षरशः सत्य लगता है कि जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि।