कहावतें
Direction: निम्नलिखित लोकोक्तियों के सही अर्थ का चयन उनके नीचे दिए गए चार विकल्पों में से कीजिए।
- नेकी और पूछ-पूछ
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NA
सही विकल्प: D
नेकी और पूछ पूछ का अर्थ है ' भलाई करने से पहले पूछने की जरूरत नहीं होती है '। वाक्य प्रयोग- अगर तुम्हें गीता की शादी में, रुपयों से सहायता करनी है तो उससे पूछना क्या क्योंकि नेकी और पूछ-पूछ नहीं होती।
- जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि
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NA
सही विकल्प: A
जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि का अर्थ है ' कवि के लिए कुसग्ग भी अगम्य नहीं '। वाक्य प्रयोग- निराला जी ने ' तोड़ती पत्थर ' कविता में जिस तरह से मजदूर महिला का जीवन्त और मार्मिक वर्णन किया है उसे देखकर यह अक्षरशः सत्य लगता है कि जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि।
- जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं
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NA
सही विकल्प: C
जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं का अर्थ है जो ' व्यक्ति अधिक बोलते हैं, वे विशेष सफल नहीं होते '। वाक्य प्रयोग- पूरी ईमानदार और परिश्रम से अपना काम करते रहो अधिक बकबक से कोई लाभ नहीं होगा। क्या तुम जानते जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं।
- जैसी बहे बयार पीठ तब तैसी दीजे
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NA
सही विकल्प: A
जैसी बहे बयार पीठ तब तैसी दीजे का अर्थ है ' समय का देखकर काम करना चाहिए '। वाक्य प्रयोग- अब लोगों को समाज के संबंध में रूढ़िवादी विचार छोड़कर नये विचार अपनाने चाहिये क्योंकि ' जैसी बहे बयार पीठ तब तैसी दीजे '।
- नीम हकीम खतरे जान
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NA
सही विकल्प: D
नीम हकीम खतरे जान का अर्थ ' अल्प विद्या भयंकर '। वाक्य प्रयोग- शुभम् डॉक्टर के यहाँ कुछ दिन काम क्या कर लिया की वह अपने को एक विशेषज्ञ ही समझने लगा। लेकिन एक दिन डॉक्टर की अनुपस्थिति में गलत दवा देने मरीज की जान चली गयी ठीक ही कहा गया है नीम हकीम खतरे जान।