Direction: नीचे कुछ लोकोक्तियाँ दी गयी है, प्रत्येक के चार वैकल्पिक अर्थ दिये गये हैं, उपयुक्त अर्थ का चयन कीजिये।
-
जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई।
-
- दयालु होना
- दूसरे के कष्ट को अनुभव करना
- कठोर होना
- जिसके ऊपर बीतती है वह जानता है
- दयालु होना
सही विकल्प: D
' जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई ' का अर्थ ' जिसके ऊपर बीतती है वह जानता है ' है। वाक्य प्रयोग- क्या गोपाल, एक तो मेरे घर में चोरी हो गई और ऊपर से तुम फालतू का उपदेश दे रहे हो, अरे जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई।