कहावतें


Direction: निम्नलिखित लोकोक्तियों के सही अर्थ का चयन उनके नीचे दिए गए चार विकल्पों में से कीजिए।

  1. हँसुए के ब्याह में खुरपी का गीत









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    NA

    सही विकल्प: C

    ' हँसुए के ब्याह में खुरपी का गीत ' का अर्थ है ' असंगत बातें करना '। वाक्य प्रयोग- अरे श्याम तुम तो अभी कह रहे थे मैं अभी भोजन करके आया हूँ और अभी लगे अब स्नान करने जा रहा हूँ, तुम भी हमेशा हँसुए के ब्याह में खुरपी का गीत गाते रहते हो।


  1. पुचकार कुत्ता सिर चढ़े









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    NA

    सही विकल्प: B

    पुचकार कुत्ता सिर चढ़े का अर्थ है ' ओछे लोग मुहँ लगाने पर अनुचित लाभ उठाते हैं। ' वाक्य प्रयोग- मैं तो इसका दुःखी समझ सहायता करता था लेकिन इसने तो मेरा ही नुकसान कर दिया। सच है पुचकार कुत्ता सिर चढ़े



  1. हाथ कंगाल को आरसी क्या









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    NA

    सही विकल्प: C

    हाथ कंगाल को आरसी क्या का अर्थ है ' प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं '। वाक्य प्रयोग- राघव अगर तुमने घर में चोरी नहीं की तो डरते क्यों हो क्योंकि हाथ कंगाल को आरसी क्या


  1. फिसल पड़े तो हर गंगा









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    NA

    सही विकल्प: A

    फिसल पड़े तो हर गंगा का अर्थ है ' मजबूरी में काम करना '। वाक्य प्रयोग- मोहन बहुत निठल्ला है उसे राम की रुपये उधर चाहिए इसलिए उसका काम कर रहा है उसका तो हाल फिसल पड़े तो हर गंगा वाला है।



  1. राम नाम जपना, पराया माल अपना









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    NA

    सही विकल्प: B

    राम नाम जपना, पराया माल अपना का अर्थ है ' धोखे से धन जमा करना '। वाक्य प्रयोग- साहूकार रुपये उधार देते समय कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराता है, उसका सिद्धांत है राम नाम जपना, पराया माल अपना