वाक्यांशों को उचित क्रम में सजाना


Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।

  1. (1) मनुष्य अपना भाग्य-विधाता स्वयं है।
    (य) उसे चाहिए कि वह संसार के महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़े।
    (र) आपने बाहुबल का भरोसा कर, आत्मविश्वास का कवच पहनकर वे संसार-समर में उतर पड़े।
    (ल) उनमें से अधिकतर को तो कांटो पर ही चलना पड़ा।
    (व) पर,वे भाग्य के सहारे बैठे न रहे।
    (6) उन्होंने यह पर्वाह न की, कि आगे विस्तृत सागर है या विराट हिमालय।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    (1) मनुष्य अपना भाग्य-विधाता स्वयं है। (य) उसे चाहिए कि वह संसार के महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़े। (ल) उनमें से अधिकतर को तो कांटो पर ही चलना पड़ा। (व) पर,वे भाग्य के सहारे बैठे न रहे। (र) आपने बाहुबल का भरोसा कर, आत्मविश्वास का कवच पहनकर वे संसार-समर में उतर पड़े। (6) उन्होंने यह पर्वाह न की, कि आगे विस्तृत सागर है या विराट हिमालय।


  1. (1) सामग्री के रूप में 'हर्डर' के समक्ष यात्रा-वृतांत और संस्कृत-साहित्य के प्रारंभिक अनुवाद थे।
    (य) वह मानता था कि पूर्व ही वह स्थल है जहाँ भाषा विकसित हुई।
    (र) युवा काल में जमकर उसने यात्रा-वृत्तान्त पढे थे।
    (ल) पश्चिम के वर्ण-समूह पूर्ण के रूपांतरण है।
    (व) वह भारतीय विचारों से पूर्णतया अभिभूत हो गया था।
    (6) पूर्व से हस्तांतरित होने के कारण ही ग्रीक व्याकरण अपेक्षाकृत अधिक व्यवस्थित है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: A

    (1) सामग्री के रूप में 'हर्डर' के समक्ष यात्रा-वृतांत और संस्कृत-साहित्य के प्रारंभिक अनुवाद थे। (र) युवा काल में जमकर उसने यात्रा-वृत्तान्त पढे थे। (व) वह भारतीय विचारों से पूर्णतया अभिभूत हो गया था। (य) वह मानता था कि पूर्व ही वह स्थल है जहाँ भाषा विकसित हुई। (ल) पश्चिम के वर्ण-समूह पूर्ण के रूपांतरण है। (6) पूर्व से हस्तांतरित होने के कारण ही ग्रीक व्याकरण अपेक्षाकृत अधिक व्यवस्थित है।



  1. (1) आदिलशाही राज्य में अनेक लब्धप्रतिष्ठ कवि हुए हैं।
    (य) इस काल का महत्व दक्खिनी हिंदी साहित्य में सर्वाधिक है।
    (र) इब्राहिम आदिलशाह द्वितीय इस काल के प्रमुख कवि थे।
    (ल) आदिलशाही सुल्तानों ने स्वयं ही काव्य-रचना की थी।
    (व) उनकी रचना 'नवरस' हिंदी साहित्य में अमूल्य निधि है।
    (6) इनकी भाषा, छंद, अलंकार आदि रीतिकालीन कवियों की याद दिलाते हैं।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: C

    (1) आदिलशाही राज्य में अनेक लब्धप्रतिष्ठ कवि हुए हैं। (य) इस काल का महत्व दक्खिनी हिंदी साहित्य में सर्वाधिक है। (ल) आदिलशाही सुल्तानों ने स्वयं ही काव्य-रचना की थी। (र) इब्राहिम आदिलशाह द्वितीय इस काल के प्रमुख कवि थे। (व) उनकी रचना 'नवरस' हिंदी साहित्य में अमूल्य निधि है। (6) इनकी भाषा, छंद, अलंकार आदि रीतिकालीन कवियों की याद दिलाते हैं।


  1. (1) हमारे देश के साहित्यशास्त्रियों ने 'कला के लिए कला' की समस्या को व्यापक रूप में देखा था।
    (य) उनकी शास्त्रीय समीक्षा की पुस्तकों में ऐसा ही व्यापक विचार देखने को मिलता है।
    (र) इसका यह आशय कदापि नहीं कि कला का आचार से कोई संबंध नहीं।
    (ल) किंतु तथ्य इतना ही है कि वस्तु रूप में कलाओं का प्रत्यक्षीकरण करते हुए आचार आदि के प्रश्न वास्तव में अंतर्हित हो जाते हैं।
    (व) पश्चिम में इसे लेकर बहुत सी व्यर्थ की खींचतान हुई है।
    (6) आशय यह है कि कला-संबंधी शास्त्र आचार-संबंधी शास्त्र से भिन्न है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: D

    (1) हमारे देश के साहित्यशास्त्रियों ने 'कला के लिए कला' की समस्या को व्यापक रूप में देखा था। (य) उनकी शास्त्रीय समीक्षा की पुस्तकों में ऐसा ही व्यापक विचार देखने को मिलता है। (व) पश्चिम में इसे लेकर बहुत सी व्यर्थ की खींचतान हुई है। (ल) किंतु तथ्य इतना ही है कि वस्तु रूप में कलाओं का प्रत्यक्षीकरण करते हुए आचार आदि के प्रश्न वास्तव में अंतर्हित हो जाते हैं। (र) इसका यह आशय कदापि नहीं कि कला का आचार से कोई संबंध नहीं। (6) आशय यह है कि कला-संबंधी शास्त्र आचार-संबंधी शास्त्र से भिन्न है।



  1. (1) आज हिंदी के प्रत्येक क्षेत्र में सम्मान प्राप्त है।
    (य) न जाने कितनी समितियाँ और अकादमियाँ सक्रिय हैं।
    (र) समस्त विश्व के विश्वविद्यालयों में हिंदी-विभाग खुल चुके हैं।
    (ल) हिंदी भाषा और साहित्य को समस्त विश्व में प्रतिष्ठित करने वाले प्रशासनिक माध्यम कार्यरत हैं।
    (व) उच्चस्तरीय हिंदी अध्यापन की व्यवस्था के साथ ही शोध संस्थान भी गतिशील हैं।
    (6) फिर भी हिंदी को वह सर्वोच्च स्थान प्राप्त नहीं है जो उसका सहज प्राप्य है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: A

    (1) आज हिंदी के प्रत्येक क्षेत्र में सम्मान प्राप्त है। (व) उच्चस्तरीय हिंदी अध्यापन की व्यवस्था के साथ ही शोध संस्थान भी गतिशील हैं। (र) समस्त विश्व के विश्वविद्यालयों में हिंदी-विभाग खुल चुके हैं। (ल) हिंदी भाषा और साहित्य को समस्त विश्व में प्रतिष्ठित करने वाले प्रशासनिक माध्यम कार्यरत हैं। (य) न जाने कितनी समितियाँ और अकादमियाँ सक्रिय हैं। (6) फिर भी हिंदी को वह सर्वोच्च स्थान प्राप्त नहीं है जो उसका सहज प्राप्य है।