वाक्यांशों को उचित क्रम में सजाना
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।
- (1) सूर्य भगवान की
(य) अविश्राम तप्त किरणें, लू की सन्नाटा
(र) शुष्क होते हुए मंद प्रवाह धारणी -तल पर की अविरल
(ल) निदाघ कुसुमावतीपूरित वृक्षों का मुरझाना, नदी का
(व) मारते हुए झपट, तेजपूरित उषा
(6) शून्य विचित्र प्रभाव उत्पन्न करती है।
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: B
(1) सूर्य भगवान की (य) अविश्राम तप्त किरणें, लू की सन्नाटा (व) मारते हुए झपट, तेजपूरित उषा (ल) निदाघ कुसुमावतीपूरित वृक्षों का मुरझाना, नदी का (र) शुष्क होते हुए मंद प्रवाह धारणी -तल पर की अविरल (6) शून्य विचित्र प्रभाव उत्पन्न करती है।
- (1) काव्य के विषय में द्विवेदीजी की एक
(य) विशेष प्रकार की रूचि बन गई थी और चुँकी वे
(र) कवि की दृष्टि से करते थे अतः अनेक नए काव्यों को, जो
(ल) काव्य का अध्ययन आलोचक की दृष्टि से नहीं वरन
(व) उनके संस्कारों से मेल नहीं खाते थे, मुक्त भाव से स्वीकार करना
(6) उनके लिए कठिन हो जाता था
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: B
(1) काव्य के विषय में द्विवेदीजी की एक (य) विशेष प्रकार की रूचि बन गई थी और चुँकी वे (ल) काव्य का अध्ययन आलोचक की दृष्टि से नहीं वरन (व) उनके संस्कारों से मेल नहीं खाते थे, मुक्त भाव से स्वीकार करना (र) कवि की दृष्टि से करते थे अतः अनेक नए काव्यों को, जो (6) उनके लिए कठिन हो जाता था
- (1) शुद्ध वाक्यों के लिए एक वाक्याशों का सही क्रम बताएये -
(1) बेकारी की समस्या
(2) बढ़ती जा रही है
(3) शिक्षित वर्ग की
(4) दिन प्रतिदिन
सही क्रम होना चाहिए -
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: C
(1) शुद्ध वाक्यों के लिए एक वाक्याशों का सही क्रम बताएये - (3) शिक्षित वर्ग की (1) बेकारी की समस्या (4) दिन प्रतिदिन (2) बढ़ती जा रही है
- (1) प्राचीन ऋषि मुनियों ने व्यायाम और योगासन पर बहुत बल दिया है।
(य) स्वयं ऋषि मुनियों ने किया
(र) इन योगासनों के लाभ का व्यवहारिक अनुभव
(ल) और उस पर ज्ञान को मौखिक
(व) उन्होंने प्राणायाम और योग के अनेक आसन बताए हैं
(6) तथा लिखित रूप में मनुष्य को दिया है।
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: D
(1) प्राचीन ऋषि मुनियों ने व्यायाम और योगासन पर बहुत बल दिया है। (व) उन्होंने प्राणायाम और योग के अनेक आसन बताए हैं (र) इन योगासनों के लाभ का व्यवहारिक अनुभव (य) स्वयं ऋषि मुनियों ने किया (ल) और उस पर ज्ञान को मौखिक (6) तथा लिखित रूप में मनुष्य को दिया है।
- (1) मनुष्य स्वभाव से देवतुल्य है।
(य) जमाने के छल-प्रपंच और परिस्थितियों के वशीभूत होकर वह अपना देवत्व खो बैठता है।
(र) हमारी सभ्यता साहित्य पर ही आधारित है।
(ल) साहित्य इसी देवत्व को अपने स्थान पर प्रतिष्ठित करने की चेष्टा करता है।
(व) हम जो कुछ भी हैं, साहित्य के ही बनाए हुए हैं।
(6) किसी भी राष्ट्र की आत्मा की प्रतिध्वनि होती है - साहित्य।
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: A
(1) मनुष्य स्वभाव से देवतुल्य है। (य) जमाने के छल-प्रपंच और परिस्थितियों के वशीभूत होकर वह अपना देवत्व खो बैठता है। (ल) साहित्य इसी देवत्व को अपने स्थान पर प्रतिष्ठित करने की चेष्टा करता है। (व) हम जो कुछ भी हैं, साहित्य के ही बनाए हुए हैं। (र) हमारी सभ्यता साहित्य पर ही आधारित है। (6) किसी भी राष्ट्र की आत्मा की प्रतिध्वनि होती है - साहित्य।