वाक्यांशों को उचित क्रम में सजाना
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।
- (1) गत अस्सी वर्षों में -
(य) हमारे दिमाग को इतना थोथरा,
(र) सुकुमार दुनिया हमारी पथराई आंखों के
(ल) बना दिया है कि संस्कृति की
(व) राजनीतिक-आर्थिक संघर्षों ने
(6) सामने आकर भी नहीं आ पाती।
-
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NA
सही विकल्प: D
(1) गत अस्सी वर्षों में - (व) राजनीतिक-आर्थिक संघर्षों ने (य) हमारे दिमाग को इतना थोथरा, (ल) बना दिया है कि संस्कृति की (र) सुकुमार दुनिया हमारी पथराई आंखों के (6) सामने आकर भी नहीं आ पाती।
- (1) सारतः कहा जा सकता है कि
(य) अनायास हिम मानव-जीवन की सर्वोपयोगी
(र) सरस साधन कार्य ही है, जिसका
(ल) चारों पदार्थों की प्राप्ति का शुलभ तथा
(व) अनुशीलन करने पर अल्पबुद्धि वाले प्राणी भी
(6) वस्तुओं को प्राप्त कर सकते हैं
-
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NA
सही विकल्प: A
(1) सारतः कहा जा सकता है कि (ल) चारों पदार्थों की प्राप्ति का शुलभ तथा (र) सरस साधन कार्य ही है, जिसका (व) अनुशीलन करने पर अल्पबुद्धि वाले प्राणी भी (य) अनायास हिम मानव-जीवन की सर्वोपयोगी (6) वस्तुओं को प्राप्त कर सकते हैं
- (1) मनुष्य पांव से चलता है
(य) समुदाय से चलता है
(र) तब उसे जीवन कहते हैं,
(ल) प्राणों से चलता है
(व) तब उसे यात्रा कहते हैं
(6) तब उसे समाज कहते हैं।
-
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NA
सही विकल्प: C
(1) मनुष्य पांव से चलता है (व) तब उसे यात्रा कहते हैं (ल) प्राणों से चलता है (र) तब उसे जीवन कहते हैं, (य) समुदाय से चलता है (6) तब उसे समाज कहते हैं।
- (1)स्वप्न में देखा,
(य) आकाश की नीली लता में सूर्य, चंद्र और ताराओं के फूल
(र) पृथ्वी की लता पर पर्वतों के फूल
(ल) हाथ जोड़े खिले हुए एक अज्ञात शक्ति की समीर से हिल रहे हैं।
(व) हाथ जोड़े आकाश को
(6) नमस्कार कर रहे हैं।
-
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NA
सही विकल्प: D
(1)स्वप्न में देखा, (य) आकाश की नीली लता में सूर्य, चंद्र और ताराओं के फूल (ल) हाथ जोड़े खिले हुए एक अज्ञात शक्ति की समीर से हिल रहे हैं। (र) पृथ्वी की लता पर पर्वतों के फूल (व) हाथ जोड़े आकाश को (6) नमस्कार कर रहे हैं।
- (1) बहुत दिनों की इच्छा -
(य) अभी तक पूरी नहीं हुई ;
(र) ठीक जिसके चरित में
(ल) ----एक जीवन-चरित लिखूं
(व) चरितनायक नहीं मिल रहा था,
(6) नायकत्व प्रधान हो।
-
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NA
सही विकल्प: A
(1) बहुत दिनों की इच्छा - (य) अभी तक पूरी नहीं हुई ; (ल) ----एक जीवन-चरित लिखूं (व) चरितनायक नहीं मिल रहा था,(र) ठीक जिसके चरित में (6) नायकत्व प्रधान हो।