वाक्यांशों को उचित क्रम में सजाना
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।
- (1) प्रसाद जी औपचारिक शिक्षा अधिक प्राप्त नहीं कर सके।
(य) इन भाषाओं में सुलभ साहित्य, दर्शन आदि की गंभीर ज्ञान प्राप्त किया।
(र) आठवीं कक्षा के बाद ही इन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
(ल) स्वाध्याय से इन्होने हिंदी, संस्कृत, पाली, उर्दू और फारसी भाषाऐ सीखीं।
(व) लेकिन इन्होंने औपचारिक शिक्षा की कमी को स्वाध्याय से पूरा किया।
(6) उनका भाषा और साहित्य का ज्ञान अप्रतिम था।
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: C
(1) प्रसाद जी औपचारिक शिक्षा अधिक प्राप्त नहीं कर सके। (र) आठवीं कक्षा के बाद ही इन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। (व) लेकिन इन्होंने औपचारिक शिक्षा की कमी को स्वाध्याय से पूरा किया। (ल) स्वाध्याय से इन्होने हिंदी, संस्कृत, पाली, उर्दू और फारसी भाषाऐ सीखीं। (य) इन भाषाओं में सुलभ साहित्य, दर्शन आदि की गंभीर ज्ञान प्राप्त किया। (6) उनका भाषा और साहित्य का ज्ञान अप्रतिम था।
- (य) ऐसी सरकार को जिसमे संकट पर काबू पाने की क्षमता हो, बिना कठिनाई के शक्ति में लाया जा सकता है
(र) संसदीय पद्धति की सरकार अत्याधिक लचीली और परिवर्तनशील होती है।
(ल) संकटकाल में इस पद्धति का लचीलापन बहुत सहायक सिद्ध होता है।.
(व) सरकार में परिवर्तन शांतिपूर्ण ढंग से हो सकता है।
-
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NA
सही विकल्प: D
(र) संसदीय पद्धति की सरकार अत्याधिक लचीली और परिवर्तनशील होती है। (व) सरकार में परिवर्तन शांतिपूर्ण ढंग से हो सकता है। (ल) संकटकाल में इस पद्धति का लचीलापन बहुत सहायक सिद्ध होता है।.(य) ऐसी सरकार को जिसमे संकट पर काबू पाने की क्षमता हो, बिना कठिनाई के शक्ति में लाया जा सकता है
- (1) मैं शिक्षा और उपदेशों को अधिक महत्व नहीं देता।
(य) यही कारण है कि तुम विक्षुब्ध हो।
(र) उनमें कुछ भी नहीं।
(ल) पाप और पुण्य भी केवल शब्द हैं।
(व) वे केवल शब्द हैं।
(6) तुम्हें इन उपदेशों से शांति नहीं मिलती।
-
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NA
सही विकल्प: B
(1) मैं शिक्षा और उपदेशों को अधिक महत्व नहीं देता। (र) उनमें कुछ भी नहीं।(व) वे केवल शब्द हैं।(ल) पाप और पुण्य भी केवल शब्द हैं।(य) यही कारण है कि तुम विक्षुब्ध हो।(6) तुम्हें इन उपदेशों से शांति नहीं मिलती।
- (1) प्रत्येक मनुष्य जीवित रहना चाहता है।
(य) उसे आत्म-रक्षा का अधिकार प्राप्त है
(र) जो व्यक्ति दूसरों का जीवन नष्ट करता है या नष्ट करने का प्रयास करता है उसे राज्य द्वारा दण्ड दिया जाता है।
(ल) इसलिए राज्य अपनी जनता के जीवन की रक्षा के लिए आश्वस्त करता है।
(व) वह नहीं चाहता कि दूसरा व्यक्ति उसकी हत्या करें अथवा उसे कष्ट पहुंचाए
(6) जीवन की रक्षा का अधिकार अत्यंत महत्वपूर्ण अधिकार है।
-
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NA
सही विकल्प: D
(1) प्रत्येक मनुष्य जीवित रहना चाहता है। (य) उसे आत्म-रक्षा का अधिकार प्राप्त है (र) जो व्यक्ति दूसरों का जीवन नष्ट करता है या नष्ट करने का प्रयास करता है उसे राज्य द्वारा दण्ड दिया जाता है। (ल) इसलिए राज्य अपनी जनता के जीवन की रक्षा के लिए आश्वस्त करता है। (व) वह नहीं चाहता कि दूसरा व्यक्ति उसकी हत्या करें अथवा उसे कष्ट पहुंचाए (6) जीवन की रक्षा का अधिकार अत्यंत महत्वपूर्ण अधिकार है।
- (1) मनोविनोद की क्षमता से युक्त होने के -
(य) जहां एक और हास्य-कविता की लोकप्रियता बढ़ी है
(र) कि उसमें घटिया और भोंडी बातों के समावेश से
(ल) और इसलिए कवि सम्मेलनों के आश्रय में विकसित होने के कारण
(व) वहीं दूसरी ओर एक कहानी यह भी हुई है
(6) सूक्ष्म और परिष्कृत हास्य का स्तर गिर गया है।
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: C
(1) मनोविनोद की क्षमता से युक्त होने के - (ल) और इसलिए कवि सम्मेलनों के आश्रय में विकसित होने के कारण (य) जहां एक और हास्य-कविता की लोकप्रियता बढ़ी है (व) वहीं दूसरी ओर एक कहानी यह भी हुई है (र) कि उसमें घटिया और भोंडी बातों के समावेश से (6) सूक्ष्म और परिष्कृत हास्य का स्तर गिर गया है।