वाक्यांशों को उचित क्रम में सजाना


Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।

  1. (य) इसके अतिरिक्त ग्रामों में स्त्रियों, दासों व बालकों के क्रय-विक्रय की कुरीति भी प्रचलन में थी।
    (र) अपना निजी कार्य कराकर उनको बदले में कुछ भी नहीं देते थे।
    (ल) स्वतंत्र हो जाने के बाद भी समाज के दुर्बल वर्ग का सर्वत्र शोषण होता हुआ हम देख रहे हैं।
    (व) भारत के मध्यकाल में जमींदार राजा और नवाब तथा अन्य लोग अपने अधीनस्थ लोगों से बेगार लेते थे।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    (व) भारत के मध्यकाल में जमींदार राजा और नवाब तथा अन्य लोग अपने अधीनस्थ लोगों से बेगार लेते थे। (र) अपना निजी कार्य कराकर उनको बदले में कुछ भी नहीं देते थे। (य) इसके अतिरिक्त ग्रामों में स्त्रियों, दासों व बालकों के क्रय-विक्रय की कुरीति भी प्रचलन में थी। (ल) स्वतंत्र हो जाने के बाद भी समाज के दुर्बल वर्ग का सर्वत्र शोषण होता हुआ हम देख रहे हैं।


  1. (1) भाषाओं में साहित्य का उद्भव उसी प्रकार हुआ है, जिस प्रकार बचपन में से यौवन का।
    (य) वह कुछ अधिक चाहता है।
    (र) अंतर इतना है कि बचपन में इसे खिलौने रुचते नहीं।
    (ल) यौवन भी कम खिलाडी नहीं है।
    (व) हाथ के झुनझुने की छोटी झंकार ही उसे संतुष्ट नहीं कर पाती।
    (6) इसीलिए वह अपने स्वयं को घुमा-फिराकर पहले तो अपने आप कठिनता उत्पन्न करता है, और फिर उस कठिनता से संगीत का नया ही रस लेता है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: A

    (1) भाषाओं में साहित्य का उद्भव उसी प्रकार हुआ है, जिस प्रकार बचपन में से यौवन का। (ल) यौवन भी कम खिलाडी नहीं है। (र) अंतर इतना है कि बचपन में इसे खिलौने रुचते नहीं। (व) हाथ के झुनझुने की छोटी झंकार ही उसे संतुष्ट नहीं कर पाती। (य) वह कुछ अधिक चाहता है। (6) इसीलिए वह अपने स्वयं को घुमा-फिराकर पहले तो अपने आप कठिनता उत्पन्न करता है, और फिर उस कठिनता से संगीत का नया ही रस लेता है।



  1. (1) प्रधानमंत्री लोकसभा में बहुमत दल का नेता होता है।
    (य) वह अपने मंत्रियों के समूह का चयन करता है।
    (र) वह संसद और राष्ट्रपति के बीच संबंध को कड़ी होता है।
    (ल) वह ऐसे किसी भी मंत्री को त्याग-पत्र देने के लिए बाध्य कर सकता है जो उसके साथ सहयोग न करें।
    (व) वह मंत्रीपरिषद का अध्यक्ष व संसद का नेता भी होता है।
    (6) आवश्यकता पड़ने पर मंत्रिपरिषद में फेर-बदल कर सकता है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: C

    (1) प्रधानमंत्री लोकसभा में बहुमत दल का नेता होता है। (र) वह संसद और राष्ट्रपति के बीच संबंध को कड़ी होता है। (व) वह मंत्रीपरिषद का अध्यक्ष व संसद का नेता भी होता है। (य) वह अपने मंत्रियों के समूह का चयन करता है। (ल) वह ऐसे किसी भी मंत्री को त्याग-पत्र देने के लिए बाध्य कर सकता है जो उसके साथ सहयोग न करें। (6) आवश्यकता पड़ने पर मंत्रिपरिषद में फेर-बदल कर सकता है।


  1. (1) संसार में किसी का भी जीवन स्थायी नहीं है।
    (य) महान से महान व्यक्ति और शक्तिशाली प्रतिभाओं का भी अंत सुनिश्चित है।
    (र) इस संसार में तन का घमंड व्यर्थ है, क्योंकि देहावसान होता ही है।
    (ल) जीवन दो दिन का मेला है।
    (व) एक दिन मेला उजड़ जाता है।
    (6) धन के वैभव पर इठलाना किसी काम का ,क्योंकि धन दौलत कि शान एक दिन समाप्त हो जाती है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    (1) संसार में किसी का भी जीवन स्थायी नहीं है। (ल) जीवन दो दिन का मेला है। (य) महान से महान व्यक्ति और शक्तिशाली प्रतिभाओं का भी अंत सुनिश्चित है। (व) एक दिन मेला उजड़ जाता है।(र) इस संसार में तन का घमंड व्यर्थ है, क्योंकि देहावसान होता ही है। (6) धन के वैभव पर इठलाना किसी काम का ,क्योंकि धन दौलत कि शान एक दिन समाप्त हो जाती है।



  1. (1)स्वप्न में देखा,
    (य) आकाश की नीली लता में सूर्य, चंद्र और ताराओं के फूल
    (र) पृथ्वी की लता पर पर्वतों के फूल
    (ल) हाथ जोड़े खिले हुए एक अज्ञात शक्ति की समीर से हिल रहे हैं।
    (व) हाथ जोड़े आकाश को
    (6) नमस्कार कर रहे हैं।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: D

    (1)स्वप्न में देखा, (य) आकाश की नीली लता में सूर्य, चंद्र और ताराओं के फूल (ल) हाथ जोड़े खिले हुए एक अज्ञात शक्ति की समीर से हिल रहे हैं। (र) पृथ्वी की लता पर पर्वतों के फूल (व) हाथ जोड़े आकाश को (6) नमस्कार कर रहे हैं।