वाक्यांशों को उचित क्रम में सजाना
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।
- (1) मैं अच्छेपन का उदाहरण बनकर ही नहीं रहना चाहता
(य) तारीख से डर लगता है।
(र) नाली में कूद पडुँ ? धूल में लोटुँ ?
(ल) कोई मेरी बुराई करता है, तो मुझे संतोष होता है कि कभी भूले-भटके से उस आदमी का भला मेरे हाथों से हो गया होगा।
(व) कोई मुँह पर तारीफ करे तो उससे पूछ लेता हूँ कि बता भाई मैं कौन सी बेवकूफी करूँ ?
(6) तारीफ करके आदमी से कोई भी बेवकूफी कराई जा सकती है।
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NA
सही विकल्प: D
(1) मैं अच्छेपन का उदाहरण बनकर ही नहीं रहना चाहता (ल) कोई मेरी बुराई करता है, तो मुझे संतोष होता है कि कभी भूले-भटके से उस आदमी का भला मेरे हाथों से हो गया होगा। (व) कोई मुँह पर तारीफ करे तो उससे पूछ लेता हूँ कि बता भाई मैं कौन सी बेवकूफी करूँ ?(र) नाली में कूद पडुँ ? धूल में लोटुँ ?
(य) तारीख से डर लगता है। (6) तारीफ करके आदमी से कोई भी बेवकूफी कराई जा सकती है।
- (1) युद्ध में अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते महारानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हो गई।
(य) और उनका शव उस पर रख दिया गया।
(र) जान पड़ता है कि घोड़े की सवारी के बदले
(ल) अंतिम संस्कार करने के लिए चिता सजाई गई
(व) अब वे चिता पर सवार होकर स्वर्ग जा रही हैं।
(6) रानी का तेज चिता की अग्नि के तेज में मिल गया।
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NA
सही विकल्प: C
(1) युद्ध में अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते महारानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हो गई। (ल) अंतिम संस्कार करने के लिए चिता सजाई गई (य) और उनका शव उस पर रख दिया गया। (र) जान पड़ता है कि घोड़े की सवारी के बदले (व) अब वे चिता पर सवार होकर स्वर्ग जा रही हैं। (6) रानी का तेज चिता की अग्नि के तेज में मिल गया।
- (1) निस्संदेह आज का युग विज्ञान का युग है।
(य) किंतु उसने अनेक विडंबनाओं को भी जन्म दिया है।
(र) इसे अध्यात्म द्वारा हल किया जा सकता है।
(ल) उसने मानवीय जीवन को सुविधाजनक बनाया है।
(व) इन विडंबनाओं का निराकरण आवश्यक है।
(6) वस्तुतः विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय ही श्रेयस्कर है।
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NA
सही विकल्प: B
(1) निस्संदेह आज का युग विज्ञान का युग है। (ल) उसने मानवीय जीवन को सुविधाजनक बनाया है। (य) किंतु उसने अनेक विडंबनाओं को भी जन्म दिया है। (व) इन विडंबनाओं का निराकरण आवश्यक है। (र) इसे अध्यात्म द्वारा हल किया जा सकता है। (6) वस्तुतः विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय ही श्रेयस्कर है।
- (1) यद्यपि वह सबसे मिलते-जुलते और हँसते-बोलते थे पर उनका मन एकांत में ही कहीं विषाद में डूबा रहता था।
(य) रात को सोते समय अक्सर जग जाते थे और घण्टो छत पर या बरामदे में टहला करते थे
(र) अपनी कन्या सरोज की मृत्यु से उन्हें गहरा धक्का लगा था।
(ल) जीवन में लगातार विरोध होने से उनकी चेतना में कहीं क्षोभ का घुन लग चुका था।
(व) उस समय उनका मन किस दुःख सागर में डूबा रहता था, उसे उनके सिवाय कोई नहीं जानता था।
(6) जिस समय उन्हें समाचार मिला, वे अपनी समस्त वेदना हृदय में दबाने का प्रयास करते हुए कमरे में टहलते रहे।
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NA
सही विकल्प: B
(1) यद्यपि वह सबसे मिलते-जुलते और हँसते-बोलते थे पर उनका मन एकांत में ही कहीं विषाद में डूबा रहता था। (ल) जीवन में लगातार विरोध होने से उनकी चेतना में कहीं क्षोभ का घुन लग चुका था। (य) रात को सोते समय अक्सर जग जाते थे और घण्टो छत पर या बरामदे में टहला करते थे (व) उस समय उनका मन किस दुःख सागर में डूबा रहता था, उसे उनके सिवाय कोई नहीं जानता था। (र) अपनी कन्या सरोज की मृत्यु से उन्हें गहरा धक्का लगा था। (6) जिस समय उन्हें समाचार मिला, वे अपनी समस्त वेदना हृदय में दबाने का प्रयास करते हुए कमरे में टहलते रहे।
- (1) आधुनिक शिक्षा प्रणाली में चरित्र निर्माण का न कोई स्थान है और न ही कोई महत्व दिया जाता है।
(य) गुरु शिष्य को पुत्रवत मानते थे और उस पर अपना स्नेह भाव रखते थे
(र) इसका कारण यह था कि दोनों एक दूसरे पर विश्वास करते थे।
(ल) हमारी प्राचीन संस्कृति में गुरु और शिष्य का संबंध अत्यंत मधुर होता था।
(व) शिष्य गुरु को पितातुल्य और विश्वसनीय समझता था
(6) शिष्य के जीवन पर गुरु का गहरा प्रभाव पड़ता था।
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NA
सही विकल्प: B
(1) आधुनिक शिक्षा प्रणाली में चरित्र निर्माण का न कोई स्थान है और न ही कोई महत्व दिया जाता है। (ल) हमारी प्राचीन संस्कृति में गुरु और शिष्य का संबंध अत्यंत मधुर होता था। (य) गुरु शिष्य को पुत्रवत मानते थे और उस पर अपना स्नेह भाव रखते थे (र) इसका कारण यह था कि दोनों एक दूसरे पर विश्वास करते थे। (व) शिष्य गुरु को पितातुल्य और विश्वसनीय समझता था (6) शिष्य के जीवन पर गुरु का गहरा प्रभाव पड़ता था।