वाक्यांशों को उचित क्रम में सजाना


Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।

  1. (1) आकाश में जिस प्रकार
    (य) कोमल स्निग्ध किरणों से प्रकाशित होता है, उसी प्रकार
    (र) ज्योतिपुंज का आविर्भाव होना
    (ल) मानव-चित्त में भी किसी शुभोज्जवल,प्रसन्न
    (व)षोडश कला से पूर्ण चंद्रमा अपनी सुधासिक्त
    (6) सहज स्वाभाविक है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: C

    (1) आकाश में जिस प्रकार (व)षोडश कला से पूर्ण चंद्रमा अपनी सुधासिक्त (य) कोमल स्निग्ध किरणों से प्रकाशित होता है, उसी प्रकार (ल) मानव-चित्त में भी किसी शुभोज्जवल,प्रसन्न (र) ज्योतिपुंज का आविर्भाव होना (6) सहज स्वाभाविक है।


  1. (1) वैसे देखा जाए तो
    (य) प्रकृति स्वयं उस शख्स का निर्माण करती है, जो
    (र) नाना प्रकार के दाहक और पाचक रसों के रूप में
    (ल) उदर के भीतर कोई अग्नि की ज्वाला नहीं है, किंतु
    (व) नाना भाँति खाद्य पदार्थों अर्थात भोज्य को
    (6) पचा सकती है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: A

    (1) वैसे देखा जाए तो (ल) उदर के भीतर कोई अग्नि की ज्वाला नहीं है, किंतु (य) प्रकृति स्वयं उस शख्स का निर्माण करती है, जो (र) नाना प्रकार के दाहक और पाचक रसों के रूप में (व) नाना भाँति खाद्य पदार्थों अर्थात भोज्य को (6) पचा सकती है।



  1. (1) जब तक प्रेमचंद्र जी
    (य) मुझे मुश्किल से घंटे-आधे घंटे का समय मिलता
    (र) मेरे घर रहे
    (ल) जब मैं उनके साथ चाय पीता था
    (व) अन्यथा उनका समय अन्य व्यक्ति अधिकतर
    (6) उनकी अनिच्छा से अपने अधिकार में कर लेते









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    (1) जब तक प्रेमचंद्र जी (र) मेरे घर रहे (य) मुझे मुश्किल से घंटे-आधे घंटे का समय मिलता (ल) जब मैं उनके साथ चाय पीता था (व) अन्यथा उनका समय अन्य व्यक्ति अधिकतर (6) उनकी अनिच्छा से अपने अधिकार में कर लेते


  1. (1) जैसे वाष्प, बादल, कुहरा, बूंद,
    (य) संपूर्ण चराचर विश्व में
    (र) इस प्रकार जानना और प्रत्यक्ष देखना ही
    (ल) एक भगवान की परिपूर्ण है -
    (व) बर्फ आदि में सर्वत्र जल भरा है, वैसे ही
    (6) सब प्राणियों में स्थित भगवान का भजन करना है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    (1) जैसे वाष्प, बादल, कुहरा, बूंद, (व) बर्फ आदि में सर्वत्र जल भरा है, वैसे ही (य) संपूर्ण चराचर विश्व में (ल) एक भगवान की परिपूर्ण है - (र) इस प्रकार जानना और प्रत्यक्ष देखना ही (6) सब प्राणियों में स्थित भगवान का भजन करना है।



  1. (1) इस तरह हम
    (य) जो अपनी लेखनी या कूची, वाणी या वाद्यों द्वारा
    (र) उन सभी कलाकारों का आह्वान कर कर रहे हैं
    (ल) एक व्यापक संगठन न होने के कारण जिनकी साधनाएं
    (व) समाज को 'सत्य', 'शिव', 'सुंदर' की ओर ले जाने में लगे हैं किंतु
    (6) इच्छित फल नहीं दे पा रही है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    (1) इस तरह हम (र) उन सभी कलाकारों का आह्वान कर कर रहे हैं (य) जो अपनी लेखनी या कूची, वाणी या वाद्यों द्वारा (व) समाज को 'सत्य', 'शिव', 'सुंदर' की ओर ले जाने में लगे हैं किंतु (ल) एक व्यापक संगठन न होने के कारण जिनकी साधनाएं (6) इच्छित फल नहीं दे पा रही है।