Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।
-
(1) आकाश में जिस प्रकार
(य) कोमल स्निग्ध किरणों से प्रकाशित होता है, उसी प्रकार
(र) ज्योतिपुंज का आविर्भाव होना
(ल) मानव-चित्त में भी किसी शुभोज्जवल,प्रसन्न
(व)षोडश कला से पूर्ण चंद्रमा अपनी सुधासिक्त
(6) सहज स्वाभाविक है।
-
- र य व ल
- र ल य व
- व य ल र
- व ल र य
- र य व ल
सही विकल्प: C
(1) आकाश में जिस प्रकार (व)षोडश कला से पूर्ण चंद्रमा अपनी सुधासिक्त (य) कोमल स्निग्ध किरणों से प्रकाशित होता है, उसी प्रकार (ल) मानव-चित्त में भी किसी शुभोज्जवल,प्रसन्न (र) ज्योतिपुंज का आविर्भाव होना (6) सहज स्वाभाविक है।