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Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।

  1. (1) मनुष्य स्वभाव से देवतुल्य है।
    (य) जमाने के छल-प्रपंच और परिस्थितियों के वशीभूत होकर वह अपना देवत्व खो बैठता है।
    (र) हमारी सभ्यता साहित्य पर ही आधारित है।
    (ल) साहित्य इसी देवत्व को अपने स्थान पर प्रतिष्ठित करने की चेष्टा करता है।
    (व) हम जो कुछ भी हैं, साहित्य के ही बनाए हुए हैं।
    (6) किसी भी राष्ट्र की आत्मा की प्रतिध्वनि होती है - साहित्य।
    1. य ल व र
    2. य ल र व
    3. र व य ल
    4. व र य ल
सही विकल्प: A

(1) मनुष्य स्वभाव से देवतुल्य है। (य) जमाने के छल-प्रपंच और परिस्थितियों के वशीभूत होकर वह अपना देवत्व खो बैठता है। (ल) साहित्य इसी देवत्व को अपने स्थान पर प्रतिष्ठित करने की चेष्टा करता है। (व) हम जो कुछ भी हैं, साहित्य के ही बनाए हुए हैं। (र) हमारी सभ्यता साहित्य पर ही आधारित है। (6) किसी भी राष्ट्र की आत्मा की प्रतिध्वनि होती है - साहित्य।



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