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Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।

  1. (1) मनुष्य अपना भाग्य-विधाता स्वयं है।
    (य) उसे चाहिए कि वह संसार के महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़े।
    (र) आपने बाहुबल का भरोसा कर, आत्मविश्वास का कवच पहनकर वे संसार-समर में उतर पड़े।
    (ल) उनमें से अधिकतर को तो कांटो पर ही चलना पड़ा।
    (व) पर,वे भाग्य के सहारे बैठे न रहे।
    (6) उन्होंने यह पर्वाह न की, कि आगे विस्तृत सागर है या विराट हिमालय।
    1. य र ल व
    2. य ल व र
    3. र य ल व
    4. ल र य व
सही विकल्प: B

(1) मनुष्य अपना भाग्य-विधाता स्वयं है। (य) उसे चाहिए कि वह संसार के महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़े। (ल) उनमें से अधिकतर को तो कांटो पर ही चलना पड़ा। (व) पर,वे भाग्य के सहारे बैठे न रहे। (र) आपने बाहुबल का भरोसा कर, आत्मविश्वास का कवच पहनकर वे संसार-समर में उतर पड़े। (6) उन्होंने यह पर्वाह न की, कि आगे विस्तृत सागर है या विराट हिमालय।



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