अलंकार,रस एवं छन्द


  1. माला फेरत जुग गया, फिरा न मन का फेर।
    कर का मनका छारि दे, मन का मनका फेर।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    प्रश्न में दी गई पंक्तियों में यमक अलंकार है क्योंकि एक 'मनका' का तात्पर्य मोतीयों से एवं दूसरे का तात्पर्य मन रूपी 'मनका' से है। यमक अलंकार में शब्दों की आवृत्ति होती है। लेकिन उनके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं, जैसे मनका-मनका, कनक-कनक आदि।

    सही विकल्प: C

    प्रश्न में दी गई पंक्तियों में यमक अलंकार है क्योंकि एक 'मनका' का तात्पर्य मोतीयों से एवं दूसरे का तात्पर्य मन रूपी 'मनका' से है। यमक अलंकार में शब्दों की आवृत्ति होती है। लेकिन उनके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं, जैसे मनका-मनका, कनक-कनक आदि।


  1. मेखलाकार पर्वत अपार अपने सहस्त्र दृग सुमन फाड़,
    अवलोक रहा था बार-बार नीचे जल में निज महाकार।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    प्रश्न में दी गई पंक्तियों में रूपक अलंकार है। यहां विशाल पर्वत (उपमेय) मानव रूप (उपमान) का आरोप किया गया है।

    सही विकल्प: B

    प्रश्न में दी गई पंक्तियों में रूपक अलंकार है। यहां विशाल पर्वत (उपमेय) मानव रूप (उपमान) का आरोप किया गया है।



  1. चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गंभीर। को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    उपयुक्त प्रश्न में दी गई पंक्तियों में श्लेष अलंकार है। यहां वृषभानुजा के दो अर्थ है, प्रथम अर्थ है 'राधा' और दूसरा अर्थ वृषभानुजा शब्द को तोड़ने से वृषभ + अनुजा = गाय है।

    सही विकल्प: C

    उपयुक्त प्रश्न में दी गई पंक्तियों में श्लेष अलंकार है। यहां वृषभानुजा के दो अर्थ है, प्रथम अर्थ है 'राधा' और दूसरा अर्थ वृषभानुजा शब्द को तोड़ने से वृषभ + अनुजा = गाय है।


Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में प्रयुक्त अलंकार भेद का चयन करें ?

  1. गर्व करउ रघुनंदन जिन मन माँह,
    देखउ आपन मूरति सिय के छाँह।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: D

    गर्व करउ रघुनंदन जिन मन माँह, देखउ आपन मूरति सिय के छाँह। उपर्युक्त पंक्तियों में प्रतीप अलंकार है। प्रतीप अलंकार में उपमेय को उपमान रूप में तथा उपमान को उपमेय रुप में प्रदर्शित किया जाता है। यहां उपमेय राम और उपमान 'सिय के छाँह' है।



  1. मुख बाल-रवि-सम लाल होकर ज्वाला-सा बोधित हुआ।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    "मुख बाल-रवि-सम लाल होकर ज्वाला-सा बोधित हुआ।" उपर्युक्त उपर्युक्त पंक्तियों में उपमा अलंकार है। इसमें बालक हनुमान का मुख्य सूरज के समान लाल ज्वाला सा बताया गया है।

    सही विकल्प: A

    "मुख बाल-रवि-सम लाल होकर ज्वाला-सा बोधित हुआ।" उपर्युक्त उपर्युक्त पंक्तियों में उपमा अलंकार है। इसमें बालक हनुमान का मुख्य सूरज के समान लाल ज्वाला सा बताया गया है।