अलंकार,रस एवं छन्द
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दी गई पंक्तियों में उपयुक्त रस के सही भेद का चयन कीजिए -
- अटपटी उलझी लताएँ,
डालियों को खींच लाएँ,
पैर को पकडे अचानक,
प्राण को कस ले,कँपाएँ,
साँप की काली बताएँ।
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NA
सही विकल्प: A
अटपटी उलझी लताएँ,डालियों को खींच लाएँ, पैर को पकडे अचानक, प्राण को कस ले,कँपाएँ,साँप की काली बताएँ। उपर्युक्त पंक्तियों में विभत्स रस है। विभत्स रस का स्थाई भाव 'जुगुप्सा' आलम्बन 'घृणित वस्तु' एवं आश्रय 'दृश्य को प्रत्यक्ष करने वाले व्यक्ति' हैं।
- हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, प्रबुद्ध शुद्ध भारती।
स्वयं प्रभा समुज्जवला स्वतंत्रता पुकारती।
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NA
सही विकल्प: C
'हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, प्रबुद्ध शुद्ध भारती। स्वयं प्रभा समुज्जवला स्वतंत्रता पुकारती।' उपर्युक्त पंक्तियों में वीर रस है, वीर रस का स्थायी भाव 'उत्साह' है। इसका आलंबन शत्रु एवं आश्रय उत्साहित व्यक्ति है।
- करि चिक्कार घोर अति धावा बदुन पसारि।
गगन सिद्ध सूत त्रसित हा हा हेति पुकारि।
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NA
सही विकल्प: B
करि चिक्कार घोर अति धावा बदुन पसारि। गगन सिद्ध सूत त्रसित हा हा हेति पुकारि। उपर्युक्त पंक्तियों में भयानक रस है, भयानक रस का स्थायी भाव 'भय' है।
- हा राम ! हा प्राण प्यारे !
जीवित रहूँ किसके सहारे ?
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NA
सही विकल्प: A
हा राम ! हा प्राण प्यारे ! जीवित रहूँ किसके सहारे ? उपर्युक्त पंक्तियों में करुण रस है, करुण रस का स्थाई भाव 'शोक' है। इसमें आश्रय 'दुखी व्यक्ति' एवं आलंबन 'वह व्यक्ति जिसका अनिष्ट हुआ' है।
- प्रिय व मेरा प्राण प्यारा कहाँ है,
दुख जल निधि में डूबी का सहारा कहाँ है।
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NA
सही विकल्प: B
प्रिय व मेरा प्राण प्यारा कहाँ है, दुख जल निधि में डूबी का सहारा कहाँ है। उपर्युक्त पंक्तियों में करुण रस है। करुण रस का स्थाई भाव 'शोक' है।