अलंकार,रस एवं छन्द
- सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गाता।
मनहूँ नील मनि सैल पर आतप परयो प्रभात।
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सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गाता। मनहूँ नील मनि सैल पर आतप परयो प्रभात। उपर्युक्त पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार है। उत्प्रेक्षा अलंकार के अंतर्गत उपमेय में उपमान की संभावना की जाती है और पद में जनु, मनु, जानहूँ, मानहूँ, जानो, मानो पद आते हैं।
सही विकल्प: B
सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गाता। मनहूँ नील मनि सैल पर आतप परयो प्रभात। उपर्युक्त पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार है। उत्प्रेक्षा अलंकार के अंतर्गत उपमेय में उपमान की संभावना की जाती है और पद में जनु, मनु, जानहूँ, मानहूँ, जानो, मानो पद आते हैं।
- माला फेरत जुग गया, फिरा न मन का फेर।
कर का मनका छारि दे, मन का मनका फेर।
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प्रश्न में दी गई पंक्तियों में यमक अलंकार है क्योंकि एक 'मनका' का तात्पर्य मोतीयों से एवं दूसरे का तात्पर्य मन रूपी 'मनका' से है। यमक अलंकार में शब्दों की आवृत्ति होती है। लेकिन उनके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं, जैसे मनका-मनका, कनक-कनक आदि।
सही विकल्प: C
प्रश्न में दी गई पंक्तियों में यमक अलंकार है क्योंकि एक 'मनका' का तात्पर्य मोतीयों से एवं दूसरे का तात्पर्य मन रूपी 'मनका' से है। यमक अलंकार में शब्दों की आवृत्ति होती है। लेकिन उनके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं, जैसे मनका-मनका, कनक-कनक आदि।
- भरतहि होई न रामदूत विधि हरि हर पद पाई। कबहुँ कि काँजी सिकरनि छीर सिंधु बिनसाई।
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भरतहि होई न रामदूत विधि हरि हर पद पाई। कबहुँ कि काँजी सिकरनि छीर सिंधु बिनसाई।।उपर्युक्त पंक्तियों में दृष्टांत अलंकार है। क्योंकि दोनों वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब अभाव झलक रहा है। दृष्टांत अलंकार के अंतर्गत उपमेय तथा उपमा वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव झलकता है।
सही विकल्प: B
भरतहि होई न रामदूत विधि हरि हर पद पाई। कबहुँ कि काँजी सिकरनि छीर सिंधु बिनसाई।।उपर्युक्त पंक्तियों में दृष्टांत अलंकार है। क्योंकि दोनों वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब अभाव झलक रहा है। दृष्टांत अलंकार के अंतर्गत उपमेय तथा उपमा वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव झलकता है।
Direction: निम्नलिखित पंक्तियों के संबंध में प्रश्न संख्या 10 एवं 11 के अनुसार उत्तर दीजिए।
मेरा मन अनत कहां सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवै।
- "कमल नैन" किसको कहा गया है ?
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NA
सही विकल्प: A
विष्णु के नयनों को कमल रूपी माना जाता है। अतः विष्णु को 'कमल नैन कहा गया है।
- कमल नयन को छांड़ि महातम, और देव को ध्यावै।
"कमल नैन" (न) में अलंकार है -
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NA
सही विकल्प: A
"कमल नैन" में रूपक अलंकार है। क्योंकि नयन पर कमल का आरोप किया गया है।