अलंकार,रस एवं छन्द
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दी गई पंक्तियों में उपयुक्त रस के सही भेद का चयन कीजिए -
- स्थायी भावों की संख्या कुल कितनी है ?
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NA
सही विकल्प: A
स्थायी भावों की संख्या कुल नौ रस हैं, इनके स्थाई भाव भी नौ हैं।
रस स्थायी भाव
श्रृंगार रति
करुण शोक
वीर उत्साह
हास्य हास्
रौद्र क्रोध
भयानक भय
वीभत्स जुगुप्सा
अद्भुत विस्मय
शान्ति निर्वेद
- जौ तुम्हारि अनुसासन पावौं, कंदूकइव ब्रह्मण्ड उठावों।
कचे घट जिमी डारों फोरी, सकऊँ मेरु मूसक जिमि तोरी।
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NA
सही विकल्प: C
'जौ तुम्हारि अनुसासन पावौं, कंदूकइव ब्रह्मण्ड उठावों। कचे घट जिमी डारों फोरी, सकऊँ मेरु मूसक जिमि तोरी।' उपर्युक्त पंक्तियों में वीर रस है। इसका स्थायी भाव 'उत्साह' है। इसका आलंबन शत्रु, आश्रय, वीर पुरुष एवं उद्दीपन 'शत्रु के क्रियाकलाप' हैं।
- अति मलीन, वृषभानु कुमारी।
अधोमुख रहित, उधर नहिं चितवत,
ज्यों गथ हारे कथित जुआरी।
छूटे चिकुर बदन कुम्हिलानों, ज्यों नलिनी हिसकर की मारी।
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NA
सही विकल्प: C
प्रश्न में दी हुई पंक्ति में विप्रलम्भ श्रृंगार है। इसका स्थायी भाव 'रति' आश्रय 'राधा' एवं आलंबन 'श्रीकृष्ण' हैं।
- अखियाँ हरि दरसन की भूखी।
कैसे रहें रूप रस राँची ए बतियाँ सुनि रूखी।
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NA
सही विकल्प: C
'अखियाँ हरि दरसन की भूखी। कैसे रहें रूप रस राँची ए बतियाँ सुनि रूखी।' उपर्युक्त पंक्तियों में 'वियोग श्रृंगार रस' है। इसका स्थायी भाव 'रति' है। इसका आलंबन 'नायक-नायिका' है।
- मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई।
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NA
सही विकल्प: B
"मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई। जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई।" उपर्युक्त पंक्तियों में श्रृंगार रस है। इसका स्थायी भाव 'रति' है। इसका आलंबन 'नायक-नायिका' है।