अलंकार,रस एवं छन्द
- यह देखिए, अरविंद से शिशुवृंद कैसे सो रहे।
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'यह देखिए, अरविंद से शिशुवृंद कैसे सो रहे।' पंक्ति में उपमा अलंकार है। यहां शिशुवृंद अर्थात बच्चों की तुलना अरविंद अर्थात कमल से की गई है।
सही विकल्प: B
'यह देखिए, अरविंद से शिशुवृंद कैसे सो रहे।' पंक्ति में उपमा अलंकार है। यहां शिशुवृंद अर्थात बच्चों की तुलना अरविंद अर्थात कमल से की गई है।
- हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग। लंका सिगरी जल गई, गए निशाचर भाग।
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हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग। लंका सिगरी जल गई, गए निशाचर भाग। उपयुक्त पंक्तियों में अतिशयोक्ति अलंकार है। यहां हनुमान की पूंछ में आग लगाने से पूर्व ही सारी लंका अग्नि से जल गई और राक्षस भाग गए। यहां बात लोकसीमा का अतिक्रमण करते हुए चढ़ा-बढ़ाकर की गई।
सही विकल्प: C
हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग। लंका सिगरी जल गई, गए निशाचर भाग। उपयुक्त पंक्तियों में अतिशयोक्ति अलंकार है। यहां हनुमान की पूंछ में आग लगाने से पूर्व ही सारी लंका अग्नि से जल गई और राक्षस भाग गए। यहां बात लोकसीमा का अतिक्रमण करते हुए चढ़ा-बढ़ाकर की गई।
- मो सम कौन कुटिल खल कामी।
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'मो सम कौन कुटिल खल कामी।' पंक्ति में वक्रोक्ति अलंकार है। वक्रोक्ति अलंकार में किसी बात का एक आशय से कहा जाता है और श्रोता उस बात को उससे भिन्न अर्थ समझता है। वक्रोक्ति का अर्थ होता है टेढ़ा कथन।
सही विकल्प: B
'मो सम कौन कुटिल खल कामी।' पंक्ति में वक्रोक्ति अलंकार है। वक्रोक्ति अलंकार में किसी बात का एक आशय से कहा जाता है और श्रोता उस बात को उससे भिन्न अर्थ समझता है। वक्रोक्ति का अर्थ होता है टेढ़ा कथन।
- रहीमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारे लगै, बढै अंधेरो होय।
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रहीमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारे लगै, बढै अंधेरो होय।उपर्युक्त पंक्तियों में श्लेष अलंकार है। यहां प्रस्तुत 'दीप के जलने' में अप्रस्तुत 'बुरे पुत्र' का आरोप किया गया है। तात्पर्य है कि जिस प्रकार दीपक के जलने की गति से तेल समाप्त हो जाता है उसी प्रकार एक बुरा पुत्र संपूर्ण कुल को नष्ट कर देता है।
सही विकल्प: D
रहीमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारे लगै, बढै अंधेरो होय।उपर्युक्त पंक्तियों में श्लेष अलंकार है। यहां प्रस्तुत 'दीप के जलने' में अप्रस्तुत 'बुरे पुत्र' का आरोप किया गया है। तात्पर्य है कि जिस प्रकार दीपक के जलने की गति से तेल समाप्त हो जाता है उसी प्रकार एक बुरा पुत्र संपूर्ण कुल को नष्ट कर देता है।
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दी गई पंक्तियों में उपयुक्त रस के सही भेद का चयन कीजिए -
- किकल अरे मैं नेह निहारुँ।
इन दाँतों पर मोती वारूँ।।
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NA
सही विकल्प: C
'किकल अरे मैं नेह निहारुँ। इन दाँतों पर मोती वारूँ।।' उपर्युक्त पंक्तियों में वात्सल्य रस है। वात्सल्य रस का स्थायी भाव 'संतानस्नेह' है।