अलंकार,रस एवं छन्द
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दी गई पंक्तियों में उपयुक्त रस के सही भेद का चयन कीजिए -
- देख समस्त विश्व-सेतु से मुख में,
यशोदा विस्मय सिंधु में डूबी।
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NA
सही विकल्प: A
देख समस्त विश्व-सेतु से मुख में,यशोदा विस्मय सिंधु में डूबी। उपर्युक्त पंक्तियों में अद्भुत रस है। अद्भुत रस का स्थायी भाव विस्मय है। कृष्ण के बाल रूप में समस्त ब्रह्मांड को देखकर माता यशोदा विस्मत में डूब गयी।
- किकल अरे मैं नेह निहारुँ।
इन दाँतों पर मोती वारूँ।।
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NA
सही विकल्प: C
'किकल अरे मैं नेह निहारुँ। इन दाँतों पर मोती वारूँ।।' उपर्युक्त पंक्तियों में वात्सल्य रस है। वात्सल्य रस का स्थायी भाव 'संतानस्नेह' है।
- रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती मानूस चून।
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प्रश्न में दी गई पंक्तियों में श्लेष अलंकार है। यहाँ पानी शब्द के अनेक अर्थ है। मोती अर्थात मोती, मानुष अर्थात मनुष्य और चून अर्थात आटा से सभी पानी अर्थात जल के बिना अधूरे हैं।
सही विकल्प: A
प्रश्न में दी गई पंक्तियों में श्लेष अलंकार है। यहाँ पानी शब्द के अनेक अर्थ है। मोती अर्थात मोती, मानुष अर्थात मनुष्य और चून अर्थात आटा से सभी पानी अर्थात जल के बिना अधूरे हैं।
- संदेसनि मधुबन-कूप भरे
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'संदेसनि मधुबन-कूप भरे।' पंक्ति में अतिशयोक्ति अलंकार है। संदेश इतने थे कि सारे मधुबन के कुएँ भर गए हैं। जो कि लोगसीमा का अतिक्रमण पर चढ़ा-बढ़ाकर की गई है।
सही विकल्प: D
'संदेसनि मधुबन-कूप भरे।' पंक्ति में अतिशयोक्ति अलंकार है। संदेश इतने थे कि सारे मधुबन के कुएँ भर गए हैं। जो कि लोगसीमा का अतिक्रमण पर चढ़ा-बढ़ाकर की गई है।
- रहीमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारे लगै, बढै अंधेरो होय।
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रहीमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारे लगै, बढै अंधेरो होय।उपर्युक्त पंक्तियों में श्लेष अलंकार है। यहां प्रस्तुत 'दीप के जलने' में अप्रस्तुत 'बुरे पुत्र' का आरोप किया गया है। तात्पर्य है कि जिस प्रकार दीपक के जलने की गति से तेल समाप्त हो जाता है उसी प्रकार एक बुरा पुत्र संपूर्ण कुल को नष्ट कर देता है।
सही विकल्प: D
रहीमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारे लगै, बढै अंधेरो होय।उपर्युक्त पंक्तियों में श्लेष अलंकार है। यहां प्रस्तुत 'दीप के जलने' में अप्रस्तुत 'बुरे पुत्र' का आरोप किया गया है। तात्पर्य है कि जिस प्रकार दीपक के जलने की गति से तेल समाप्त हो जाता है उसी प्रकार एक बुरा पुत्र संपूर्ण कुल को नष्ट कर देता है।