अलंकार,रस एवं छन्द
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दी गई पंक्तियों में उपयुक्त रस के सही भेद का चयन कीजिए -
- अखियाँ हरि दरसन की भूखी।
कैसे रहें रूप रस राँची ए बतियाँ सुनि रूखी।
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NA
सही विकल्प: C
'अखियाँ हरि दरसन की भूखी। कैसे रहें रूप रस राँची ए बतियाँ सुनि रूखी।' उपर्युक्त पंक्तियों में 'वियोग श्रृंगार रस' है। इसका स्थायी भाव 'रति' है। इसका आलंबन 'नायक-नायिका' है।
- अति मलीन, वृषभानु कुमारी।
अधोमुख रहित, उधर नहिं चितवत,
ज्यों गथ हारे कथित जुआरी।
छूटे चिकुर बदन कुम्हिलानों, ज्यों नलिनी हिसकर की मारी।
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NA
सही विकल्प: C
प्रश्न में दी हुई पंक्ति में विप्रलम्भ श्रृंगार है। इसका स्थायी भाव 'रति' आश्रय 'राधा' एवं आलंबन 'श्रीकृष्ण' हैं।
- जौ तुम्हारि अनुसासन पावौं, कंदूकइव ब्रह्मण्ड उठावों।
कचे घट जिमी डारों फोरी, सकऊँ मेरु मूसक जिमि तोरी।
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NA
सही विकल्प: C
'जौ तुम्हारि अनुसासन पावौं, कंदूकइव ब्रह्मण्ड उठावों। कचे घट जिमी डारों फोरी, सकऊँ मेरु मूसक जिमि तोरी।' उपर्युक्त पंक्तियों में वीर रस है। इसका स्थायी भाव 'उत्साह' है। इसका आलंबन शत्रु, आश्रय, वीर पुरुष एवं उद्दीपन 'शत्रु के क्रियाकलाप' हैं।
- 'शान्त रस' की उत्पत्ति कब होती है ?
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NA
सही विकल्प: A
'शान्त रस' की उत्पत्ति संसार से वैराग्य होने पर होती है। शान्त रस का स्थायी भाव 'निर्वेद' है।
- रौद्र रस का स्थाई भाव क्या है ?
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NA
सही विकल्प: C
रौद्र रस का स्थायी भाव 'क्रोध' है. आलम्बन 'शत्रु एवं दुष्ट व्यक्ति', आश्रय 'क्रोधित व्यक्ति', संचारी भाव 'मद, उग्रता एवं चंचलता' आदि एवं अनुभव 'दाँत एवं ओ ओठ चबाना और कठोर बातें कहना' है।