अलंकार,रस एवं छन्द
Direction: निम्नलिखित प्रत्येक पद्यांश में सही छंद का चयन कीजिए :
- जो सुमिरत सिधि होइ, गण नायक करिवर बदन।
करहु अनुग्रह सोइ, बुद्धि रासि सुभ गुन सदन।
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: D
"जो सुमिरत सिधि होइ, गण नायक करिवर बदन। करहु अनुग्रह सोइ, बुद्धि रासि सुभ गुन सदन। " उपर्युक्त पंक्तियों में 'सोरठा' छंद है। सोरठा के चार चरण हैं। सोरठा के प्रथम चरण तथा तृतीय चरण में क्रमशः 11-11 मात्राएँ तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरण में क्रमशः 13-13 मात्राएँ होती हैं।
- नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास यहि काल।
अली कली ही सौं बंध्यों, आगे कौन हवाल।
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: A
"नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास यहि काल। अली कली ही सौं बंध्यों, आगे कौन हवाल। " उपर्युक्त पंक्तियों में 'दोहा' छंद है। दोहे में चार चरण हैं। इसके प्रथम तथा तृतीय चरण में क्रमशः 13-13 मात्राएँ एवं द्वितीय एवं चतुर्थ में कर्मशः 11-11 मात्राएँ होती हैं।
Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दी गई पंक्तियों में उपयुक्त रस के सही भेद का चयन कीजिए -
- रौद्र रस का स्थाई भाव क्या है ?
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: C
रौद्र रस का स्थायी भाव 'क्रोध' है. आलम्बन 'शत्रु एवं दुष्ट व्यक्ति', आश्रय 'क्रोधित व्यक्ति', संचारी भाव 'मद, उग्रता एवं चंचलता' आदि एवं अनुभव 'दाँत एवं ओ ओठ चबाना और कठोर बातें कहना' है।
- कवि बिहारी मुख्यतः किस रस के कवि हैं ?
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: C
'बिहारीलाल' रीतिकाल के कवि हैं। यह संयोग श्रृंगार रस के कवि हैं। श्रृंगार रस का स्थायी भाव 'रति' है।
- 'शान्त रस' की उत्पत्ति कब होती है ?
-
सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें
NA
सही विकल्प: A
'शान्त रस' की उत्पत्ति संसार से वैराग्य होने पर होती है। शान्त रस का स्थायी भाव 'निर्वेद' है।