रचना - रचयिता


Direction: निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में दी गई रचना /रचनांश के रचयिता के नाम का चयन उसके नीचे दिए गए चार विकल्पों से करें ।

  1. साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: A

    'साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप' पंक्तियों की रचना कवीरदास ने की थी।


  1. रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाय पर वचन न जाई।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: A

    "रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाय पर वचन न जाई।" पंक्तियों की रचना तुलसीदास ने 'रामचरितमानस' की थी।



  1. नारी शिक्षा अनादरत, ते लोग अनारी।
    ते स्वदेस अवनति, प्रचंड पातक हितकारी।










  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: C

    "नारी शिक्षा अनादरत, ते लोग अनारी।
    ते स्वदेस अवनति, प्रचंड पातक हितकारी।"
    पंक्तियाँ 'सत्यनारायण कविरत्न' की हैं।


  1. प्रगतिवाद उपयोगितावाद का दूसरा नाम है।









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: C

    'प्रगतिवाद उपयोगितावाद का दूसरा नाम है।' पंक्तियाँ 'नंददुलारे बाजपेई' की हैं।



  1. रामलला नहछू









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: C

    रामलला नहछू की रचना तुलसीदास ने की थी। यह अवधी भाषा के कवि थे। इन्होंने राम की मर्यादा रूप की प्रतिष्ठा स्थापित की थी।