अपठित गधांश


Direction: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों का सबसे उचित विकल्प चुनिए।
मैं जिस घर में रहती थी, वहाँ मेरी आदत बहुत सवेरे उठने की थी। एक दिन उतने सवेरे एक छोटा बच्चा, जो शायद डेढ़ साल से कम का होगा, मेरे कमरे में आया। मैंने सोचा कि वह शायद भूखा होगा और उससे पूछा कि वह कुछ खाना चाहता है ?उसने उत्तर दिया, "कीड़े। " मैंने आश्चर्य से कहा, ' कीड़े ? ' जब उसने देखा कि मेरी समझ में उसकी बात नहीं आ रही हो तो मेरी सहायता के लिए उसने एक और शब्द जोड़ा, ' अंडा। ' मैंने अपने मन में सोचा कि इतना सवेरे कुछ पीना चाहता है क्या ? यह आखिर कहना क्या चाह रहा है ? उसने फिर कहा, ' नीना, अंडे, कीड़े। ' अब मुझे पूरी बात समझ आ गई। एक दिन पहले उसकी बहन नीना कागज पर अंडे की शक्ल बनाकर उसमें रंग भर रही थी। इस बच्चे की इच्छा थी कि वह भी रंग भरे पर नीना ने उसे गुस्से में आकर भगा दिया। उसने नीना का विरोध नहीं किया और बड़े धैर्य और लगन के साथ मौके का इंतजार करता रहा। मैंने उसे क्रेयॉन का रंग दे दिया और उसका चेहरा खुशी से दमक उठा। उससे अंडे के आकार की रेखा नहीं खींची गई तो मैंने उसके लिए चित्र बना दिया। फिर उसने अपनी टेढ़ी-मेढ़ी लकीरों से उसमें रंग भरना शुरू कर दिया। उसकी बहन सीधी रेखाओं में रंग भर्ती थी, और उसने कीड़े की तरह लहरदार रेखाओं से रंग भरा।

  1. बच्चे ने 'कीड़े' के बाद 'अंडा' ' नीना अंडे कीड़े ' शब्दों का प्रयोग किया, क्योंकि









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    NA

    सही विकल्प: A

    बच्चा यह समझ गया था कि लेखिका उसकी बात समझ नहीं पाई है इसलिए उसने 'कीड़े' के बाद 'अंडा' ' नीना अंडे कीड़े ' शब्दों का प्रयोग किया था।


Direction: नीचे दिये गये अनुच्छेद को पढ़िए और हिंदी भाषा प्रश्न 18 से 23 तक के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए:
रूढ़ संज्ञा और कथापूर्व विशेषण देकर घटना या संवाद को पहले से तय कर देने वाली कहानियों की ही पूरक वे तमाम रचनाएँ कही जा सकती है, जिन्हें 'कविता' कहकर हिंदी पाठ्य-पुस्तकों में शामिल किया जाता है। हिंदी विषय के अंतर्गत पढ़ायी जाने वाली तथाकथित कविताएँ पढ़कर बच्चे को दी गई पंक्तियों का लक्ष्यार्थ पहचानना और लिखना होता है। जिसे मैं लक्ष्यार्थ कह रहा हूँ, वह प्रायः एक घिरते हुए प्रतिकार्थ जैसा दिखता अवश्य है, पर इसमें प्रतिकार्थ कहना ठीक नहीं होगा। प्रतिको में आभा का गुण होता है यानी जिस भाव या अनुभव की क्षणिक रचना वे मन में करते है, उनके इर्द-गिर्द एक आभावृक्ष की गुंजाइश रहती है। इस आभावृत्त को हम ऐसा निर्जन क्षेत्र को कह सकते हैं, जिसमें हमारी कल्पना कविता की मदद से थोड़ी देर विचार लेती है और ऐसा कुछ देखने में समर्थ हो जाती है जो निर्दिष्ट नहीं था- कवि के द्वारा तो नहीं ही था, हमारे होशियार मन द्वारा भी नहीं। इसी निर्जन क्षेत्र के दरवाजे खोलने की क्षमता के कारण ही कविता की शिक्षा के भाषा-शिक्षण की सामान्य, सीमित परिधि के परे जाने वाली शिक्षा माना जा सकता है। कविता ही भाषा-शिक्षण में यह मुक्तिदायी आयाम जोड़ सकती है। लेकिन यह संभावना तथाकथित कविताओं की मदद से नहीं खोली जा सकती जो हिंदी के पाठ्य-पुस्तक में अनिवार्य रूप से शामिल रहती हैं।

  1. प्रायः ' लक्ष्यार्थ ' कैसा दिखता है ?









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    प्रायः लक्ष्यार्थ एक घिरते हुए पतिकार्य जैसा अवश्य दिखता है लेकिन यह प्रतिकार्य होता नहीं है।



  1. ' उन तथाकथित कथाओं की मदद ......... जो ......... ' वाक्य में किन कविताओं की ओर संकेत किया गया है ?









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: A

    ' उन तथाकथित कथाओं की मदद ......... जो ........ ' वाक्य में किन कविताओं की ओर संकेत किया गया है जो जो अनिवार्य है।


  1. कविता की शिक्षा को भाषा-शिक्षण की सामान्य परीधि के परे जाने वाली शिक्षा क्यों माना जाता है ?









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: B

    कविता की शिक्षा को भाषा-शिक्षण की सामान्य परीधि के परे जाने वाली शिक्षा इसलिए माना जाता है कि सामान्य भाषा शिक्षण अनुमान एवं कल्पना करने का अवसर नहीं देता जबकि कविता ने बिना किसी पूर्वधारणा के कल्पना करने के पर्याप्त अवसर होते हैं।



  1. ' निर्जन क्षेत्र ' किस अर्थ की ओर संकेत करता है ?









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    NA

    सही विकल्प: C

    अनुच्छेद में ' निर्जन क्षेत्र ' शब्द ' आभावृत्त ' की ओर संकेत करता है।