साहित्य बोध


  1. निम्नलिखित में किसने रीतिकाल को 'श्रृंगार काल' कहा है ?









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    विश्वनाथ मिश्र ने रीतिकाल को 'श्रृंगार काल' कहा है। हजारी प्रसाद द्विवेदी ने उत्तर मध्यकाल एवं रामचंद्र शुक्ल ने रीतिकाल को रीतिकाल नाम दिया था।

    सही विकल्प: D

    विश्वनाथ मिश्र ने रीतिकाल को 'श्रृंगार काल' कहा है। हजारी प्रसाद द्विवेदी ने उत्तर मध्यकाल एवं रामचंद्र शुक्ल ने रीतिकाल को रीतिकाल नाम दिया था।


  1. संत काव्य और सूफी काव्य में असमान तत्व है -









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    संत काव्य की रचनायें मुक्तक शैली दोहे एवं गीत के स्वरुप में है जबकि सूफी काव्य प्रबंधक शैली महाकाव्य के रूप में है। सामंतवाद का विरोध, मानवीय समता, निर्गुणोपासन एवं गुरु की महिमा आदि समान गुण हैं।

    सही विकल्प: B

    संत काव्य की रचनायें मुक्तक शैली दोहे एवं गीत के स्वरुप में है जबकि सूफी काव्य प्रबंधक शैली महाकाव्य के रूप में है। सामंतवाद का विरोध, मानवीय समता, निर्गुणोपासन एवं गुरु की महिमा आदि समान गुण हैं।



  1. 'उपन्यास-सम्राट' किसकी उपाधि है ?









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    मुंशी प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट कहा जाता है। इन्होंने निर्मला, सेवासदन, रंग भूमि, कर्म भूमि एवं गोदान आदि उपन्यासों की रचना की। जयशंकर प्रसाद चंद्रगुप्त, स्कन्दगुप्त, ध्रुवस्वामिनी नाटक एवं अमृतलाल नागर ने 'सुहाग के नूपुर' उपन्यास की रचना की।

    सही विकल्प: D

    मुंशी प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट कहा जाता है। इन्होंने निर्मला, सेवासदन, रंग भूमि, कर्म भूमि एवं गोदान आदि उपन्यासों की रचना की। जयशंकर प्रसाद चंद्रगुप्त, स्कन्दगुप्त, ध्रुवस्वामिनी नाटक एवं अमृतलाल नागर ने 'सुहाग के नूपुर' उपन्यास की रचना की।


  1. विश्वामित्र की तपस्या किसने भंग की ?









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    मेनका स्वर्ग की अप्सरा थी जिन्हे इंद्र ने ऋषि विश्वामित्र की तपस्या भंग करने के लिए भेजा था। शकुंतला इन्ही मेनका की पुत्री थी।

    सही विकल्प: B

    मेनका स्वर्ग की अप्सरा थी जिन्हे इंद्र ने ऋषि विश्वामित्र की तपस्या भंग करने के लिए भेजा था। शकुंतला इन्ही मेनका की पुत्री थी।



  1. रीतिकाल के कवि नहीं है -









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    वृन्द, गुरु गोविंद गोविंद सिंह एवं बख्शी हंसराज रीतिकाल के कवि हैं जबकि नाथूराम शर्मा शंकर द्विवेदी युग के कवि हैं। रीतिकाल का संवत् 1700 वि.से 1900 वि. है।

    सही विकल्प: A

    वृन्द, गुरु गोविंद गोविंद सिंह एवं बख्शी हंसराज रीतिकाल के कवि हैं जबकि नाथूराम शर्मा शंकर द्विवेदी युग के कवि हैं। रीतिकाल का संवत् 1700 वि.से 1900 वि. है।