विश्वनाथ मिश्र ने रीतिकाल को 'श्रृंगार काल' कहा है। हजारी प्रसाद द्विवेदी ने उत्तर मध्यकाल एवं रामचंद्र शुक्ल ने रीतिकाल को रीतिकाल नाम दिया था।
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