हिन्दी शिक्षण एवं शिक्षाशास्त्र


  1. उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण का मुख्य उद्देश्य है :









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण का मुख्य उद्देश्य साहित्यक विधाओं से परिचय और व्याकरणिक नियम सिखाना है।

    सही विकल्प: B

    उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण का मुख्य उद्देश्य साहित्यक विधाओं से परिचय और व्याकरणिक नियम सिखाना है।


  1. निम्न में से कौन पठन का प्रकार नहीं है ?









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    पठन के निम्न प्रकार हैं - (i) सस्वर पठन (ii) मौन पठन एवं (iii) द्रुत पठन

    सही विकल्प: C

    पठन के निम्न प्रकार हैं - (i) सस्वर पठन (ii) मौन पठन एवं (iii) द्रुत पठन



  1. मौन पठन का मुख्य उद्देश्य है :









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    मौन पठन का मुख्य उद्देश्य गहन अर्थ ग्रहण करना है।

    सही विकल्प: B

    मौन पठन का मुख्य उद्देश्य गहन अर्थ ग्रहण करना है।


  1. भाषायी विविधता :









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    भाषायी विविधता - (1) भारतीय कथाओं का सत्य है, (2) भाषा की कक्षा में एक संसाधन है, (3) बहुभाषिक बच्चों की संज्ञानात्मक विकास की ओर संकेत करती है।

    सही विकल्प: D

    भाषायी विविधता - (1) भारतीय कथाओं का सत्य है, (2) भाषा की कक्षा में एक संसाधन है, (3) बहुभाषिक बच्चों की संज्ञानात्मक विकास की ओर संकेत करती है।



  1. भाषा अर्जन और भाषा अधिगम में क्या अंतर होता है ?









  1. सुझाव देखें उत्तर देखें चर्चा करें

    भाषा अर्जन और भाषा अधिगम में निम्न अंतर होता है - (1) सहज एवं स्वभाविक रूप से परिवेश के माध्यम से भाषा अर्जित की जाती है जबकि भाषा अधिगम प्रयासपूर्ण होता है। (2) भाषा अर्जन में अर्थ भी समाज से स्वतः ही प्राप्त होते हैं जबकि भाषा अधिगम में कई बार अर्थ सीखने पड़ते हैं। (3) भाषा अर्जन में मुख्यतः सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना चारों कौशल सीखने पड़ते हैं।

    सही विकल्प: D

    भाषा अर्जन और भाषा अधिगम में निम्न अंतर होता है - (1) सहज एवं स्वभाविक रूप से परिवेश के माध्यम से भाषा अर्जित की जाती है जबकि भाषा अधिगम प्रयासपूर्ण होता है। (2) भाषा अर्जन में अर्थ भी समाज से स्वतः ही प्राप्त होते हैं जबकि भाषा अधिगम में कई बार अर्थ सीखने पड़ते हैं। (3) भाषा अर्जन में मुख्यतः सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना चारों कौशल सीखने पड़ते हैं।