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Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।

  1. (1) नाटक में ऐसे अनेक प्रसंग आते हैं जिसमें यह निर्णय करना कठिन हो जाता है कि नाटककार किस उद्देश्य से अपनी रचना को प्रस्तुत कर रहा है।
    (य) भारत के प्राचीन नाटकों में सर्वाधिक जोर जीवन की व्याख्या पर ही दिया गया है।
    (र) ऐसी स्थिति में नाटक के समस्त पात्रों के कथनों पर परस्पर मिलान करके उनका ठीक-ठीक अभिप्राय समझकर नाटक के उद्देश्य का निर्णय किया जा सकता है।
    (ल) इन उद्द्गारों का चयन करके ही हमें किसी नाटक का उद्देश्य स्थिर करना चाहिए।
    (व) नाटक के प्रधान पात्रों द्वारा ही नाटककार अपने उद्द्गारों प्रस्तुत करता है।
    (6) यहां नाटकों द्वारा सर्वश्रेष्ठ नैतिक आदर्श उपस्थित किए जाते हैं।
    1. य व ल र
    2. र व ल य
    3. र ल व य
    4. य ल र व
सही विकल्प: B

(1) नाटक में ऐसे अनेक प्रसंग आते हैं जिसमें यह निर्णय करना कठिन हो जाता है कि नाटककार किस उद्देश्य से अपनी रचना को प्रस्तुत कर रहा है। (र) ऐसी स्थिति में नाटक के समस्त पात्रों के कथनों पर परस्पर मिलान करके उनका ठीक-ठीक अभिप्राय समझकर नाटक के उद्देश्य का निर्णय किया जा सकता है। (व) नाटक के प्रधान पात्रों द्वारा ही नाटककार अपने उद्द्गारों प्रस्तुत करता है। (ल) इन उद्द्गारों का चयन करके ही हमें किसी नाटक का उद्देश्य स्थिर करना चाहिए। (य) भारत के प्राचीन नाटकों में सर्वाधिक जोर जीवन की व्याख्या पर ही दिया गया है। (6) यहां नाटकों द्वारा सर्वश्रेष्ठ नैतिक आदर्श उपस्थित किए जाते हैं।



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