Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।
-
(1) मार्क्सवादी और फ्रायडियन दृष्टिकोण में अर्थ और काम का आधुनिक रूपांतर है।
(य) ऐसा कैसे कहा जा सकता है जबकि हमारे यहाँ चार पुरुषार्थों में अर्थ और काम भी परिगणित था।
(र) अर्थ और काम का प्रतीक था शरीर।
(ल) यहां तक कि अर्थ को प्रथम स्थान देकर उसे शेष पुरुषार्थ का आधार स्तंभ निर्दिष्ट कर दिया गया था।
(व) क्या अतीत का साहित्य और साहित्यकार अर्थ और काम से अनभिज्ञ था।
(6) कला गुरु कालिदास ने कहा है - 'शरीरमाद्यम् खलु धर्मसाधनम्।
-
- र व य ल
- र व ल य
- व य र ल
- व य ल र
- र व य ल
सही विकल्प: D
(1) मार्क्सवादी और फ्रायडियन दृष्टिकोण में अर्थ और काम का आधुनिक रूपांतर है। (व) क्या अतीत का साहित्य और साहित्यकार अर्थ और काम से अनभिज्ञ था। (य) ऐसा कैसे कहा जा सकता है जबकि हमारे यहाँ चार पुरुषार्थों में अर्थ और काम भी परिगणित था। (ल) यहां तक कि अर्थ को प्रथम स्थान देकर उसे शेष पुरुषार्थ का आधार स्तंभ निर्दिष्ट कर दिया गया था। (र) अर्थ और काम का प्रतीक था शरीर। (6) कला गुरु कालिदास ने कहा है - 'शरीरमाद्यम् खलु धर्मसाधनम्।