समास
- पाप-पुण्य
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'पाप-पुण्य' अर्थात 'पाप और पुण्य' पद 'द्वन्द्व' समास है।
सही विकल्प: B
'पाप-पुण्य' अर्थात 'पाप और पुण्य' पद 'द्वन्द्व' समास है।
- धनश्याम
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वह समास, जिसमें विशेषण तथा विशेष्य अथवा उपमान (जिसमे उपमा दिया जाय) तथा उपमेय का मेल हो और-विग्रह करने पर दोनों खण्डो में एक ही कर्ता कारक की प्रथम विभक्ति रहे कर्मधारय समास कहलाता है। जैसे - घनश्याम : धन की भाँति श्याम, वज्रकठोर :व् वज्र के समान कठोर आदि।
सही विकल्प: D
वह समास, जिसमें विशेषण तथा विशेष्य अथवा उपमान (जिसमे उपमा दिया जाय) तथा उपमेय का मेल हो और-विग्रह करने पर दोनों खण्डो में एक ही कर्ता कारक की प्रथम विभक्ति रहे कर्मधारय समास कहलाता है। जैसे - घनश्याम : धन की भाँति श्याम, वज्रकठोर :व् वज्र के समान कठोर आदि।
- चतुर्भुज
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'चतुर्भुज' अर्थात 'चार भीजये हैं जिनकी (विष्णु)' पद 'बहुव्रीहि' समास है।
सही विकल्प: D
'चतुर्भुज' अर्थात 'चार भीजये हैं जिनकी (विष्णु)' पद 'बहुव्रीहि' समास है।
- पाकिटमार
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'पाकिटमार' पद 'तत्पुरुष' समास है।
सही विकल्प: D
'पाकिटमार' पद 'तत्पुरुष' समास है।
- गुण-दोष
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'गुण-दोष' अर्थात 'गुण और दोष' पद 'द्वन्द्व' समास है।
सही विकल्प: B
'गुण-दोष' अर्थात 'गुण और दोष' पद 'द्वन्द्व' समास है।