पराजस्व एवं भुगतान संतुलन
- भुगतान सन्तुलन की समस्या के समाधान के लिए हमें निम्नलिखित में से किस दिशा में प्रयत्नशील रहना होगा ?
1. निर्यात को बढ़ाना।
2. कार्यक्षमता में वृद्धि लाना।
3. आयात को बढ़ाना।
4. अदृश्य मदों से आय को बढ़ाना।
निम्नलिखित कूट के आधार पर सही विकल्प का चयन करें
-
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NA
सही विकल्प: C
NA
- भुगतान सन्तुलन की समस्या के समाधान के लिए हमें निम्नलिखित में से किस दिशा में प्रयत्नशील रहना होगा ?
1. निर्यात को बढ़ाना।
2. कार्यक्षमता में वृद्धि लाना।
3. आयात को बढ़ाना।
4. अदृश्य मदों से आय को बढ़ाना।
निम्नलिखित कूट के आधार पर सही विकल्प का चयन करें
-
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NA
सही विकल्प: C
NA
- बजट निर्माण के सिद्धान्त के तौर पर कालातीत का नियम किस सिद्धान्त में निहित है ?
-
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NA
सही विकल्प: D
NA
- राजकोषीय घाटा क्या है ?
1. राजकोषीय घाटा सरकार की ऋणग्रस्तता को पूरी तरह से प्रकट करता है।
2. राजकोषीय घाटा समस्त साधन-अभाव को दर्शाता है और यह सरकार की राजस्व एवं अनुदान प्राप्तियों के ऊपर सरकार के कुल व्यय की अधिकता को प्रकट करता है।
3. बजट घाटे में ब्याज के भुगतान की राशि को मिला दिया जाए तो यह राजकोषीय घाटे के बराबर होता है।
4. राजकोषीय घाटा सरकार के सकल आय को दर्शाता है।
निम्नलिखित कूट के आधार पर सही विकल्प का चयन करें
-
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NA
सही विकल्प: A
NA
- निम्नलिखित में कौन-सा लोक व्यय में वृद्धि का कारण है ?
1. राष्ट्रीय आय में वृद्धि
2. ऋण वित्तीयन
3. आर्थिक सहायताओं की राशि में वृद्धि
4. प्रशासन तन्त्र का विस्तार
निम्नलिखित कूट के आधार पर सही विकल्प का चयन करें
-
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NA
सही विकल्प: B
NA