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Direction: निम्नांकित लोकोक्तियों के सही अर्थ का चयन कीजिये---

  1. दर्जी की सुई कभी ताश में कभी टाट में
    1. कोई दोष न होना
    2. खली न होना
    3. कबाड़ी का काम करना
    4. बेकार होना
सही विकल्प: B

दर्जी की सुई कभी ताश में कभी टाट में का अर्थ है ' खली न होना '। वाक्य प्रयोग- उद्यमी व्यक्ति कोई न कोई काम करता रहता है क्योंकि सच है ' दर्जी की सुई कभी ताश में कभी टाट में '।



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