Direction: कविता में पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।
जग-जीवन में जो चिर महान,
सौंदर्य पूर्ण औ सत्यप्राण,
मैं उसका प्रेमी बनूँ नाथ !
जिससे मानव हित हो सामान !
जिससे जीवन में मिले शक्ति
छूटे भय-संशय, अंध-भक्ति,
मैं वह प्रकाश बन सकूँ नाथ !
मिल जावे जिनमें अखिल व्यक्तित्व !
-
कविता का मूल भाव क्या है ?
-
- कल्याण
- अमर दान की प्राप्ति
- विश्व-परिवार की भावना
- सत्य की प्राप्ति
- कल्याण
सही विकल्प: A
उपर्युक्त कविता का मूल भाव ' कल्याण ' है।