मुख्य पृष्ठ » सामान्य हिन्दी » अपठित गधांश » प्रश्न

Direction: कविता में पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।
जग-जीवन में जो चिर महान,
सौंदर्य पूर्ण औ सत्यप्राण,
मैं उसका प्रेमी बनूँ नाथ !
जिससे मानव हित हो सामान !
जिससे जीवन में मिले शक्ति
छूटे भय-संशय, अंध-भक्ति,
मैं वह प्रकाश बन सकूँ नाथ !
मिल जावे जिनमें अखिल व्यक्तित्व !

  1. कविता का मूल भाव क्या है ?
    1. कल्याण
    2. अमर दान की प्राप्ति
    3. विश्व-परिवार की भावना
    4. सत्य की प्राप्ति
सही विकल्प: A

उपर्युक्त कविता का मूल भाव ' कल्याण ' है।



एडमिन के अप्रूवल के बाद आपका कमेंट दिखाया जायेगा.