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Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।

  1. (1) रामानुज का दर्शन में मुक्तात्मा ईश्वर के समान है, पर उसकी ईश्वर के साथ एकात्मकता नहीं होती
    (य) सृष्टि की स्थिति आदि में जीवन का तकनि भी अधिकार नहीं रहता।
    (र) मुक्ति के लिए ईश्वर का साक्षात अनुभव ही अंतिम साधन है।
    (ल) मुक्त जीवन में सर्वज्ञता तथा सत्य संकल्प अवश्य आ जाते हैं, पर सर्वकर्तृत्व ईश्वर के ही हाथ में रहता है।
    (व) प्रापति के वशीभूत भगवान जीव को पूर्ण ज्ञान प्रदान कर देते हैं।
    (6) बैकुंठ में भगवान का 'किंकर' बनना ही परम मुक्ति है।
    1. व ल य र
    2. र ल य व
    3. य ल र व
    4. ल य व र
सही विकल्प: C

(1) रामानुज का दर्शन में मुक्तात्मा ईश्वर के समान है, पर उसकी ईश्वर के साथ एकात्मकता नहीं होती (य) सृष्टि की स्थिति आदि में जीवन का तकनि भी अधिकार नहीं रहता। (ल) मुक्त जीवन में सर्वज्ञता तथा सत्य संकल्प अवश्य आ जाते हैं, पर सर्वकर्तृत्व ईश्वर के ही हाथ में रहता है। (र) मुक्ति के लिए ईश्वर का साक्षात अनुभव ही अंतिम साधन है। (व) प्रापति के वशीभूत भगवान जीव को पूर्ण ज्ञान प्रदान कर देते हैं। (6) बैकुंठ में भगवान का 'किंकर' बनना ही परम मुक्ति है।



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