मुख्य पृष्ठ » सामान्य हिन्दी » वाक्यांशों को उचित क्रम में सजाना » प्रश्न

Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।

  1. (1) अधिकार साध्य नहीं साधन है।
    (य) अधिकारों के प्राप्ति से उसे आनंद का अनुभव होता है।
    (र) किंतु हमारे अधिकार की पूर्ति तभी संभव है जबकि अन्य व्यक्तियों के ऐसे ही दावे स्वीकार किए जायें।
    (ल) व्यक्ति अधिकारों को इसलिये चाहता है जिससे कि वह अपनी आवश्यकता की पूर्ति करके व्यक्तित्व का विकास कर सके।
    (व) इसलिए वह अधिकारों की प्राप्ति में रुचि लेता है।
    (6) हम जिन अधिकारों को चाहते हैं उन्हें प्राप्त करने के लिए ठीक वैसे ही दूसरों के अधिकारों को हमे स्वीकार करना पड़ेगा।
    1. य व ल र
    2. ल र व य
    3. य र ल व
    4. ल य व र
सही विकल्प: D

(1) अधिकार साध्य नहीं साधन है। (ल) व्यक्ति अधिकारों को इसलिये चाहता है जिससे कि वह अपनी आवश्यकता की पूर्ति करके व्यक्तित्व का विकास कर सके। (य) अधिकारों के प्राप्ति से उसे आनंद का अनुभव होता है। (व) इसलिए वह अधिकारों की प्राप्ति में रुचि लेता है। (र) किंतु हमारे अधिकार की पूर्ति तभी संभव है जबकि अन्य व्यक्तियों के ऐसे ही दावे स्वीकार किए जायें। (6) हम जिन अधिकारों को चाहते हैं उन्हें प्राप्त करने के लिए ठीक वैसे ही दूसरों के अधिकारों को हमे स्वीकार करना पड़ेगा।



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