Direction: निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेदों के पहले और अंतिम वाक्यों में क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बांटकर (य),(र),(ल),(व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित कदम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।
-
(1) धर्म और
(य) उदारता के उच्च
(र) ही एक ऐसा दिव्य आनंद भरा रहता है कि
(ल) कर्मों के विधान में
(व) कर्ता को वे कर्म ही
(6) फलस्वरुप लगाते हैं।
-
- ल व र य
- य व ल र
- य ल र व
- ल र य व
- ल व र य
सही विकल्प: A
(1) धर्म और (ल) कर्मों के विधान में (व) कर्ता को वे कर्म ही (र) ही एक ऐसा दिव्य आनंद भरा रहता है कि (य) उदारता के उच्च (6) फलस्वरुप लगाते हैं।