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  1. नाट्यशास्त्रकारों द्वारा अमान्य रस है -
    1. अद्भुत रस
    2. शांत रस
    3. करुण रस
    4. वीभत्स रस
सही विकल्प: D

नाट्यशास्त्रकार विभत्स रस को अमान्य मानते हैं। हिंदी में नौ रस माने गये हैं। श्रृंगार, वीर, रौद्र, विभत्स, अद्भुत, शांत, हास्य, भयानक एवं करुणा। उनके स्थायी भाव क्रमशाः है - रति, उत्साह, क्रोध, जुगुप्सा, विस्मय, निर्वेद, हास्य, भय, सुख एवं शोक।



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