Direction: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। कुछ शब्दों को मोटे अक्षरों में मुद्रित किया गया है, जिससे आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता मिलेगी। दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए।
एक गाँव में अलगू चौधरी और जुम्मन शेख नामक दो मित्र रहते थे। दोनों की मित्रता गाढ़ी थी। जुम्मन शिक्षित था, अलगू धनवान। जुम्मन की एक बूढ़ी मौसी विधवा थी। वह निःसन्तान थी, पर थी मिलकियत वाली। उसने चारों ओर आँख उठाकर देखा, जुम्मन के सिवा कहीं उसका कोई अपना नजर न आया। मौसी ने जुम्मन के नाम अपनी मिलकियत रजिस्ट्री कर दी। जुम्मन ने वादा किया कि वह आजीवन मौसी को खाना-कपड़ा देगा। पर रजिस्ट्री होते ही जुम्मन ने रंग बदला। वह मौसी जो पहले सर पर बैठी थी, अब पैरों तले कुचली जाने लगी। बूढ़ी मौसी ने समझा कि वह सब जुम्मन की पत्नी की बदमाशी है।
उसने जुम्मन से शिकायत की। जुम्मन चुप रहा। तब मौसी का माथा ठनका। उसने जुम्मन को पंचायत की धमकी दी. बूढ़ी मौसी हाथ में लकड़ी लिए आस पास के गाँवों, पंचों के पास दौड़ती रही. सबके सामने उसने दुःख के आँसू बहाये. अलगू इस झगड़े से अलग रहना चाहता था। पर बूढ़ी मौसी उसे इस बीच घसीटना चाहती थी। अलगू ने मौसी से कहा, ‘‘जुम्मन मेरा मित्र है, ‘‘उससे बिगाड़ नहीं कर सकता। ’’ “मौसी ने कहा, तो क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात न कहोगे?’’ इस ललकार को सुनकर अलगू के भीतर सोया हुआ धर्मज्ञान जाग पड़ा. उसने पंचायत में सम्मिलित होने की स्वीकृति दे दी. प्रश्न यह उठा कि पंच किसे बदा जाय। जुम्मन ने इस प्रश्न का निबटारा मौसी के हाथ ही छोड़ दिया. मौसी ने अलगू को पंच बदा. लोगों ने समझा, अब जुम्मन, की विजय निश्चित है. अलगू जुम्मन का मित्र है। उसका फैसला जुम्मन के पक्ष में होगा। पर, सरपंच के पद पर बैठते ही अलगू का उत्तरदायित्व ज्ञान जाग पड़ा। वह भूल गया कि जुम्मन उसका दोस्त है। उसने सत्य और न्याय का पक्ष लिया. उसका फैसला बूढ़ी मौसी के पक्ष में हुआ। उसने फैसला किया - ‘‘खालाजान को माहवार खर्च दिया जाए। अगर जुम्मन को खर्च देना मंजूर न हो, तो हिब्बानामा रद्द समझा जाय। ’’
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अलगू चौधरी और जुम्मन शेख______और एक_____रहते थे।
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- पड़ोसी थे , घर में
- पड़ोसी थे , गांव में
- दो मित्र थे, गांव में
- दो दुश्मन थे, गांव में
- इनमें से कोई नहीं
- पड़ोसी थे , घर में
सही विकल्प: C
अलगू चौधरी और जुम्मन शेख दो मित्र थे और गांव में रहते थे।