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"संविधान का प्रारूप जैसा विरचित किया गया है, वह केवल देश के शासन के लिए तन्त्र उपलब्ध कराता है। यह सत्ता में किसी विशेष दल को स्थापित करने की प्रयुक्ति नहीं है, जैसा कि कुछ देशों में किया गया है। सत्ता में कौन हो, इसे जानता के विनिश्चार्थ छोड़ दिया गया है, जैसा कि होना ही चाहिए, यदि इस तन्त्र को लोकतन्त्र के परीक्षण पर खरा उतरना है।"
संविधान निर्मात्री सभा के विचार-विमर्श में उद्धृत उपरोक्त परिच्छेद का श्रेय किसे है ?
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- पण्डित जवाहरलाल नेहरू
- बी आर अम्बेडकर
- मौलाना अबुल कलाम आजाद
- आचार्य जे बी कृपलानी
- पण्डित जवाहरलाल नेहरू
सही विकल्प: B
NA